अमेरिका और जर्मनी द्वारा यूक्रेन को उन्नत युद्धक टैंक भेजने की घोषणा किए जाने के बाद व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन का लक्ष्य यूक्रेन को वे आवश्यक क्षमताएं उपलब्ध कराना हैं, जो रूसी सैनिकों के खिलाफ युद्ध में सफल होने के लिए आवश्यक हैं।
अमेरिका ने घोषणा की है कि वह यूक्रेन को 31 एम-1 ‘अब्राम्स’ टैंक भेजेगा। जर्मनी द्वारा 14 ‘लैपर्ड 2 ए 6’ टैंक भेजने पर सहमत होने के बाद अमेरिका ने यह फैसला किया है। सामरिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद समन्वयक जॉन किर्बी ने बुधवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमारा और हमारे सहयोगियों का यह साझा लक्ष्य है कि हम यूक्रेन को वे क्षमताएं प्रदान करें, जिनकी उसे युद्ध के मैदान में न केवल आज सफल होने के लिए आवश्यकता है, बल्कि जो इस साल भविष्य में भी अहम होंगी।’’ किर्बी ने कहा कि जर्मन दो अन्य बटालियनों को संगठित करने में मदद करेंगे, ब्रिटेन ने अपने ‘चैलेंजर’ टैंक भेजने पर सहमति जताई है और फ्रांसीसी भी बख्तरबंद वाहन मुहैया कर योगदान देंगे।
किर्बी ने स्वीकार किया कि सर्दियों में रूसी और यूक्रेनी सेना के बीच लड़ाई धीमी हुई है, लेकिन उन्हें मौसम में सुधार के साथ इसकी तीव्रता बढ़ने की आशंका है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन को न केवल निवारक क्षमताएं उपलब्ध कराना चाहता है, बल्कि यदि रूस भविष्य में फिर यूक्रेन पर हमला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमाएं पार करने का विनाशकारी निर्णय लेता है तो उसके लिए भी वह यूक्रेन को रक्षात्मक क्षमताओं से लैस करना चाहता है।