भोंडसी थाना क्षेत्र में वीरवार की सुबह बच्चों को स्कूल ले जा रही एक निजी स्कूल की बस बिजली के खंभे से टकरा गई। बस की टक्कर से दो खंभे टूट गए। गनीमत रही कि बस में मौजूद किसी भी बच्चे को चोट नहीं आई, जिसके चलते बड़ा हादसा टल गया। हादसे को लेकर स्टूडेंट्स के परिजनों ने पुलिस को 112 नंबर पर कॉल कर सूचना दी, लेकिन इस संबंध में लिखित में शिकायत नहीं मिलने से केस दर्ज नहीं किया।
हरचंदपुर (सोहना) स्थित एशियन पब्लिक स्कूल की बस वीरवार की सुबह हरचंदपुर से रिठौज व नया गांव में बच्चों को लेने पहुंची। रिठौज में जेल पर रोड पर बस का अचानक संतुलन बिगड़ गया और वह रांग साइड जाकर बिजली के खंभे से टकरा गई। हादसे इतना भीषण था कि बस में मौजूद बच्चों के साथ आसपास के लोग भी सहम गए। हालांकि किसी भी बच्चे को चोट नहीं पहुंची, लेकिन बच्चे बुरी तरह से डर गए। जिसके बाद बच्चों को घर वापस भेज दिया गया। वहीं इस टक्कर के बाद बिजली के दो खंभे टूट गए। एक खंभा नीचे जमीन पर गिर गया, जबकि दूसरा खंभा बस के ऊपर ही खड़ा रह गया। इस संबंध में रिठौज निवासी कंवर सिंह ने पुलिस ईआरवी को सूचना दी। लेकिन इस संबंध में किसी ने लिखित शिकायत नहीं दी, जिससे केस दर्ज नहीं हो पाया।
शिक्षा निदेशालय के आदेशों को धता बता रहे निजी स्कूल:
विदित हो कि बढ़ती ठंड के चलते शिक्षा निदेशालय व डीसी गुडग़ांव ने स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए थे। लेकिन शिक्षा निदेशालय व डीसी के इन आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए कई निजी स्कूल खुले हुए हैं। शिक्षा निदेशालय व उपायुक्त के आदेशों की उल्लंघना करना निजी स्कूलों की आदत में शुमार हो गया है। हालांकि विभाग की ओर से शीतकालीन अवकाश की घोषणा के बाद 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की अतिरिक्त कक्षाएं लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं। ताकि उनकी बोर्ड परीक्षा की तैयारी बेहतर हो सकें। ऐसे में निजी स्कूल संचालकों ने शिक्षा विभाग के आदेशों को ठेंगा दिखाकर अभी तक स्कूल खोले हुए हैं तथा छोटे विद्यार्थियों की क्लास तक लगवाई है।
हादसों से सबक नहीं ले रहे निजी स्कूल:
धुंध की वजह से जहां लगातार हादसे हो रहे हैं, वहीं छोटे-छोटे मासूम बच्चे ऐसी धुंध में स्कूल जाने पर मजबूर हैं। अगर एक भी स्कूली बस हादसे का शिकार हुई तो कौन जिम्मेदार होगा। ऐसे अनेक सवाल अभिभावकों के मन में आ रहे हैं। इसके बावजूद जिले के कई स्कूलों की बसों में सडक़ों पर इस कडक़ड़ाती ठंड और शीतलहर के बीच बच्चों को स्कूल जाते देखा जा सकता है।
विभाग ने नहीं किया निरीक्षण:
वहीं अभी तक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी न किसी स्कूल का निरीक्षण किया और न ही कार्रवाई की तैयारी की है। ऐसे में विभाग की लापरवाही का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतान पड़ रहा है। इससे साफ स्पष्ट होता है कि निजी स्कूलों के संचालकों पर जिला के अधिकारियों के आदेश का कोई असर नहीं पड़ा है। बताते चले कि इस कडक़ड़ाती ठंड और शीतलहर से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त है। निजी स्कूलों और कोचिंग सेंटर की मनमानी के कारण गिरते तापमान में ठंड से कांपते हुए बच्चे स्कूल जाने को विवश हैं। कई बच्चों को ठंड भी लग चुकी है, फिर भी स्कूल संचालक अपनी मनमानी करते हुए संस्थान का संचालन कर रहे।