दिल्ली की एक अदालत ने एक युवती की स्कूटी को कार से टक्कर मारने के बाद करीब 12 किलोमीटर तक उसे घसीटने से जुड़े मामले में छह आरोपियों के खिलाफ हत्या का आरोप लगाया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मामले के सात में से छह आरोपियों के खिलाफ पहले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-304 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत आरोप तय किए गए थे। हत्या का आरोप लगाए जाने के बाद आरोपियों को मृत्युदंड या उम्रकैद और जुर्माने की सजा दी जा सकती है।
विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने कहा, “सुल्तानपुरी की घटना में भौतिक, मौखिक, फॉरेंसिक और अन्य वैज्ञानिक सबूतों को जुटाने के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा-304 की जगह धारा-302 शामिल कर दी है। मामले में आगे की जांच जारी है।” यह कदम दिल्ली पुलिस द्वारा एक सत्र अदालत को यह बताए जाने के एक दिन बाद उठाया गया है कि वह मामले में आईपीसी की धारा-302 शामिल करेगी।
अंजलि सिंह (20) की स्कूटी को 31 दिसंबर की देर रात एक कार ने टक्कर मार दी थी, जिसके बाद वह कार में फंसकर सुल्तानपुरी से कंझावला के बीच 12 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक घसीटती चली गई थी। इस घटना में अंजलि की मौत हो गई थी। पुलिस ने दो जनवरी को मामले में दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था। एक अन्य आरोपी अंकुश ने छह जनवरी को आत्मसमर्पण कर दिया था और अगले दिन जमानत पर रिहा हो गया था।
चार दिन बाद एक अन्य आरोपी आशुतोष को गिरफ्तार कर लिया गया था। अंजलि के माता-पिता और रिश्तेदारों ने अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग को लेकर सुल्तानपुरी थाने के बाहर धरना भी दिया था। उन्होंने यह आरोप लगाते हुए प्राथमिकी में धारा-302 को जोड़े जाने की मांग की थी कि आरोपियों ने यह जानते हुए भी कार चलाना जारी रखा कि युवती उनकी कार में फंसकर घिसटती जा रही है।