बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक और उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना से बुधवार को इनकार कर दिया। ल वर्तमान में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तेजस्वी यादव राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री कुमार के बयान से उन अटकलों पर विराम लग गया कि एक और उपमुख्यमंत्री पद के लिए उनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के एक नेता के नाम पर विचार किया जा रहा है।
मंत्रिपरिषद में शामिल हो सकते हैं नए चेहरेः CM नीतीश
अपनी समाधान यात्रा के दौरान मधुबनी जिले में पत्रकारों से नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि मंत्रिपरिषद में राजद और कांग्रेस से नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में सात दलों का गठबंधन हैं और प्रत्येक घटक का एक निश्चित हिस्सा है। जिन दलों के मंत्रियों ने पद छोड़े हैं उन्हें उसी अनुसार समायोजित किया जा सकता है। कांग्रेस से कुछ और मंत्री हो सकते हैं।” गौरतलब है कि राजद कोटे से दो मंत्रियों सुधाकर सिंह और कार्तिक कुमार ने पिछले साल अगस्त में महागठबंधन की सरकार बनने के कुछ महीनों के भीतर ही इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा कांग्रेस से पूर्व में दो ही मंत्री बनाए गए थे। कांग्रेस विधानसभा में अपनी संख्या के अनुरूप प्रतिनिधित्व की मांग कर रही है। राज्य की 243 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 19 विधायक हैं। राजद 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है जबकि जद(यू) के 45 विधायक हैं।
एक और उपमुख्यमंत्री बनाने की बात पर सीएम ने जताई हैरानी
जद(यू) संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा का नाम लिए बिना नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘मैं एक और उपमुख्यमंत्री होने की बात सुनकर चकित हूं। यह बकवास है। मुझे दबाव (भाजपा के) के कारण एक से अधिक उपमुख्यमंत्री (बिहार की पिछली राजग सरकार में) रखने के लिए मजबूर किया गया था। मुझे यह दोहराने की जरूरत नहीं है कि मैं तब मुख्यमंत्री भी नहीं बनना चाहता था।” वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने नीतीश के भरोसेमंद दोस्त सुशील कुमार मोदी को उपमुख्यमंत्री के पद से हटा दिया था और पार्टी नेताओं तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री बनाया था।
कुशवाहा को डिप्टी CM बनाने की अटकलें तेज
हाल में मीडिया के एक वर्ग में इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि दो साल पहले जद(यू) में अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का विलय करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। अगले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास कर रहे नीतीश कुमार ने पर्याप्त संकेत दिए हैं कि वह प्रतिद्वंद्वी से सहयोगी बने लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव को आगे बढ़ाना चाहते हैं।