सुखबीर एग्रो एनर्जी में चलने वाले प्रेशर प्लान्ट व पावर प्लान्ट के साथ-साथ धान से निकलने वाली भूसी व धूल उड़कर अगल-बगल के खेतों को बंजर बना रही है। इलाके के दो दर्जन गांव से जुड़े लोग बार-बार इस बात की शिकायत जिला प्रशासन व सरकार के प्रतिनिधियों से करते रहते हैं लेकिन फैक्ट्री मालिक की दबंगई के चलते सारा मामला शून्य पड़ जाता हैं। इसी बात से परेशान होकर इलाके के लोगों ने निर्णायक लड़ाई के लिये फैक्ट्री के सामने एक जनवरी से धरना शुरू कर दिया है। धरने में शामिल होने के लिए आने वाले गांव के पीड़ित किसानों का हस्ताक्षर भी कराया जा रहा है।
फैक्ट्री से उड़ने वाली राख व धूल से लोगों की आंखें भी खराब हो रही
सुखबीर एग्रो एनर्जी का संचालन वर्षो से हो रहा है और रजादी के साथ-साथ फतेहउल्लाहपुर, वहादीपुर, रजादी, कोढ़िनियापुर, अगस्ता, कानाडीह, खिदिरपुर, शिकारपुर, बूढ़नपुर, सरायशरीफ, हरखुपुर, कुन्डीपुर, सहेड़ी, आकुशपुर, मुड़वल, जाठपुर बबूरा, ढेलवा, बिन्दपुरवा, मड़उवा, लालनपुर, मड़ई, महराजगंज, बकराबाद, सुलेमाबाद, डिलिया, सोनहरिया, तलवल, भवरहा, नरयनापुर, शेखपुर और हरिहरपुर के दो दर्जन से अधिक किसानों की जमीन व उपजाऊ खेत बंजर हो चुका है। यही नहीं फैक्ट्री से उड़ने वाली राख व धूल से लोगों की आंखें भी खराब हो रही है। मासूम बच्चों को सास लेने में भी परेशानी हो रही है। इस बात की शिकायत करने वाले किसानों पर फैक्ट्री संचालक पुलिस की मिलीभगत से फर्जी मुकदमा दर्ज कर मामले को बार-बार दबा देते हैं। इसी परेशानी व गरीबों के खेत बंजर हो जाने से लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है और दो दर्जन परिवार भूखमरी के शिकार हो गये हैं।
किसानों से अपनी जमीने फैक्ट्री को बेच देने का कुचक्र
फैक्ट्री के संचालन से राख व धुएं के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण व पावर प्लान्ट के चलते भूमिगत जल संकट खड़ा होने की नौबत आ गयी है। इसी बात से परेशान इलाके के गरीबों ने फैक्ट्री के ठीक सामने एक जनवरी से धरना देने का काम शुरू कर दिया है और लोगों का कहना है कि जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं होगा तब तक धरना अनवरत जारी रहेगा। धरने में शामिल होने वालों में 45 लोगों ने अपना हस्ताक्षर कर धरने का समर्थन दिया है। सभी पीड़ित किसानों की इस बात की जानकारी फैक्ट्री के लोगों को है। समस्या दूर करने के बजाय संचालक किसानों से अपनी जमीने फैक्ट्री को बेच देने का कुचक्र रच रहे हैं। इस मामले की उच्च स्तरीय जाच करने के साथ-साथ भूखमरी के कगार पर खड़े परिवारों की सुरक्षा व जीवन यापन सुनिश्चित करने के लिये पहल करने की अपेक्षा की है।
फैक्ट्री मानकों के हिसाब से ही चल रही है: JM
एक तरफ कड़कड़ाती ठंड और मौसम की तलखी से लोगों का जीना मुहाल है वहीं गाजीपुर जिले में चल रही राइस मिल व बिजली बनाने के कारखाने से निकलने वाली धूल व राख के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण से तकरीबन 31 गांव के लोग परेशान हैं। राख के कण आंखों में घुस जाने से लोगों को बेवजह हजारों रूपये की चपत लग रही है। इसकी चपेट में महिलायें व मासूम बच्चे भी है। समस्या को लेकर इलाके के लोगों ने एक जनवरी से धरना शुरू किया है जो अनवरत जारी है। इस मामले का संज्ञान न तो जिला प्रशासन ले रहा है और न ही फैक्ट्री के लोग। इस बाबत जब फैक्ट्री के जे0एम0 बाबी गक्खर से फोन पर बात की गयी तो उन्होनें बताया कि फैक्ट्री मानकों के हिसाब से ही चल रही है। कुछ लोग गलत प्रचार कर जनता को गुमराह को कर रहे हैं।