: खेलते- कूदते नृत्य या व्यायाम करते युवाओं के दम तोड़ने के कई मामले विगत दिनों सामने आए हैं। हृदय रोग विशेषज्ञ इसे पोस्ट कोविड प्रभाव भी बता रहे हैं। बच्चों, किशोरों व युवाओं में दिल की बीमारी के मामले सुरसा के मुंह के मानिंद बढ़ते ही जा रहे हैं। बदलते समय के साथ ऐसे बहुतेरे कारण भी है, जो इस बीमारी को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
लखनऊ के केजीएमयू, डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान व संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के अलावा कानपुर के कार्डि संस्थान में काफी मात्रा में बच्चे, किशोर व युवा हृदय रोग के इलाज को आ रहे हैं। इनमें से अधिकांश की धड़कन सामान्य से कम मिल रही है। कई युवाओं में तो दिल के पंप करने की क्षमता भी कमजोर हो गई है।
कार्डियोलाजी संस्थान, कानपुर के सीवीटीएस विभाग के निदेशक व हार्ट सर्जन डा. राकेश वर्मा के अनुसार कोविद का संक्रमण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रत्येक व्यक्ति को हो चुका है। इसकी वजह से रक्त वाहिकाओं के बाल कमजोर हो गए हैं। इनके कारण युवाओं में हृदयाघात अचानक हो रहा है। संस्थान के हार्ट सर्जन डा. नीरज नीरज कुमार ने बताया कि के बच्चों से लेकर 40 वर्ष के युवा सीने में दर्द, थकावट, सांस फूलने चक्कर आने की समस्या लेकर आ रहे हैं। लखनऊ के केजीएमयू, डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान व – एसजीपीजीआई के हृदय रोग विशेषज्ञ भी ऐसा ही बता रहे हैं। जांच में किशोरों अव युवाओं की धड़कन 60 से भी नीचे • मिल रही है। व्यायाम करने, नृत्य करने व भागने-दौड़ने के लिए दिल को अधिक खून की आवश्यकता होती है। जबकि धड़कन कम होने से खून । धमनियों तक नहीं पहुंच पाता है।
बीमारी के प्रमुख कारण-
मानसिक तनाव हृदयाघात की बड़ी वजह।
अनियमित खानपान से बढ़ रहा रक्तचाप।
पूरी नींद न लेने से दिल हो रहा बीमार।
नशे की प्रवृत्ति भी बढ़ा रही दिल का रोग।
हृदयाघात से कैसे बचें-
प्रातःकाल टहलने जरूर जाएं।
योग या हल्का व्यायाम रोजाना करें।
6 से 8 घंटे की भरपूर नींद लें।
मधुमेह व रक्तचाप नियंत्रित करें।
अत्यधिक व्यायाम से परहेज करें।
ईसीजी व अन्य जांच कराते रहें।