जेएनयू में गुरुवार को अज्ञात लोगों ने कैंपस में जगह-जगह दीवारों पर जातिसूचक शब्द लिखे होने को लेकर छात्र संगठन एबीवीपी ने ठोस कार्रवाई की मांग की गई है। ABVP के अध्यक्ष रोहित ने कहा कि पहले भी इस तरह की घटनाएं होती रही हैं, प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता है। उन्होंने कहा कि खून बहाने और कई धमकी भरे स्लॉगन्स लिखे गये, ये लेफ्ट विंग छात्र संगठनों का काम है। कार्रवाई नहीं हुई तो विरोध प्रदर्शन करेंग।
बता दें कि 1 दिसंबर 2022 को जेएनयू कैंपस की दिवारों पर लोगों ने ब्राह्मण विरोधी नारे लिख दिए। कुछ नारे बेहद भड़काऊ थे- ‘ब्राह्मण कैंपस छोड़ो’, ‘हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं’, ‘शाखा वापस जाओ’, ‘हम बदला लेंगे’, ‘खून खराबा होगा’।
इनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही हैं। जेएनयू टीचर्स फोरम ने भी कुछ फोटो ट्विटर पर शेयर किए हैं। पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है- ‘जबकि वामपंथी उदारवादी गैंग हर असहमत आवाज को डराने-धमकाने का काम करते हैं, वे ऐसा EC प्रतिनिधि चुनने की भी अपील करते हैं जो पारस्परिक सम्मान, नागरिक मूल्य स्थापित करे और सबको समान ट्रीटमेंट दे। गुंडागर्दी का बेहद निंदनीय काम।
वहीं, एबीवीपी का कहना है कि कुछ बाहरी वामपंथी असामाजिक तत्वों ने एबीवीपी की छात्रा कार्यकर्ता जो डीयू में पढ़ती हैं, पर अभद्र और अश्लील टिप्पणियां कीं। फिर उनके बचाव में आए दो अन्य छात्रों के लिए जातिसूचक तथा लैंगिक भेदभावपूर्ण गाली गलौज वाले शब्द प्रयोग करते हुए लाठी-डंडों से हमला कर दिया, जिससे दो एबीवीपी कार्यकर्ता चोटिल हो गए। इस संबंध में एबीवीपी ने मौरिस नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए शिकायत दर्ज कराई है।