पटनाः बिहार में सत्तारूढ़ जदयू ने केंद्र पर मनरेगा योजना के तहत आवश्यकता के अनुरूप मानव दिवस सृजन की स्वीकृति नहीं देने और सामग्री मद में 1045 करोड़ रुपए बकाया का भुगतान नहीं होने से कई प्रखंडों में काम रुक जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में आने वाले समय में प्रदेश से श्रमिकों का पलायन होना शुरू होगा और इसके लिए पूरी तरह से केंद्र सरकार जिम्मेवार होगी।
जदयू के वरिष्ठ नेता एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बुधवार को यहां पार्टी प्रदेश कार्यालय में आयोजित ‘कार्यकर्ताओं के दरबार में माननीय मंत्री’ कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना के तहत बिहार को 1750 करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य मिला था जिसके विरुद्ध राज्य में अब तक 1797 करोड़ मानव दिवस सृजित किए गए हैं। प्रदेश को मात्र 1500 करोड़ मानव दिवस मिला था, उसके पूरा होने के बाद सरकार ने 12 करोड़ मानव दिवस की मांग केंद्र से की थी लेकिन केंद्र ने मात्र ढ़ाई करोड़ की स्वीकृति दी थी।
“आने वाले समय में शुरू होगा श्रमिकों का पलायन”
श्रवण कुमार ने कहा कि इतना ही नहीं मनरेगा के सामग्री मद का भी 1045 करोड़ रुपया केंद्र सरकार के पास बकाया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल कई प्रखंडों में मनरेगा का काम रुक गया है और आने वाले समय में पूरे बिहार में यह समस्या होने की आशंका बनी हुई है। इस परिस्थिति में देश में 100 दिन काम की गारंटी होने के बावजूद आने वाले समय में बिहार से श्रमिकों का पलायन होना शुरू होगा, जिसकी सारी जिम्मेवारी केंद्र सरकार एवं केन्द्रीय ग्रामीण विकास विभाग की होगी।
श्रवण कुमार ने सुशील मोदी को दी ये सलाह
मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य एवं प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी एक बड़े नेता हैं, उनकी बात पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे लेकिन उन्हें एक सलाह जरूर देंगे कि वह वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की चिंता करें क्योंकि उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में बिहार मॉडल की चर्चा हो रही है। जहां सभी घरों में स्वच्छ पानी, गांव-गांव में पक्की गली-नाली बन रही है।