दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को बुधवार को कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के नेता छैल बिहारी गोस्वामी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में चल रही कार्यवाही को निचली अदालत में चुनौती दें। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने आम आदमी पार्टी के नेता जैन को स्थानीय मजिस्ट्रेट अदालत के आदेशों को चुनौती देने वाली अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी और उन्हें उच्च न्यायालय जाने के बजाय पुनरीक्षण याचिका के जरिये निचली अदालत का दरवाजा खटखटाने की छूट दी।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘(आप) एक पुनरीक्षण याचिका दायर करें। एक मंच क्यों खोना?” गोस्वामी ने जैन और कई अन्य आप नेताओं के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें दावा किया गया था कि आरोपी ने (तत्कालीन) उत्तरी दिल्ली नगर निगम के फंड के संबंध में उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। गोस्वामी उस वक्त एनडीएमसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष थे।
उन्होंने आरोप लगाया था कि आरोपी ने ‘‘आम जनता की नज़र में उनके (गोस्वामी के) नैतिक और बौद्धिक चरित्र हनन” के लिए टिप्पणी की थी। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने फरवरी में आपराधिक मानहानि की शिकायत पर जैन, आतिशी, राघव चड्ढा, सौरभ भारद्वाज और दुर्गेश पाठक को सम्मन भेजा था। मजिस्ट्रेट अदालत ने मामले में आरोप मुक्त करने की जैन की याचिका नवंबर में खारिज कर दी थी।