रामपुर सीट पर हो रहा उपचुनाव भाजपा के लिए कई मायने में अहम है। जिसके लिए भाजपा के रणनीतिकारों ने मुस्लिम मतदाताओं को साधने और पूर्व मंत्री आजम खां का गढ़ ध्वस्त करने के लिए पूरी तरह से ताकत झोंक दी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने तीन दिन के लिए डेरा डाल दिया है। राज्यमंत्री दानिश आजाद भी मुस्लिम मतदाताओं में सेंधमारी करेंगे। इनके अलावा मोहसिन रजा समेत सभी अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष अपने-अपने स्तर से मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने में जुटें हैं। इससे इतर मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री और कैबिनेट के तमाम मंत्री जनसभाओं को संबोधित करेंगे।
37- रामपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी को जिताने के लिए भाजपा कोई कमी छोड़ना नहीं चाहती है। क्योंकि, रामपुर विधानभा क्षेत्र में 60 प्रतिशत मुस्लिम जबकि, 40 प्रतिशत हिन्दू मतदाता हैं। वर्ष 1980 से मोहम्मद आजम खां इसी अंकगणित का लाभ लेते रहे हैं। आजम खां के इस गणित को बिगाड़ने के लिए भाजपा ने देश का दूसरा पसमांदा सम्मेलन फिजीकल कालेज स्टेडियम में कराया था और सूबे के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक मुस्लिमों का बाल बांका नहीं होने का आश्वासन दे गए थे। भाजपा रामपुर में उप चुनाव में सीट जीतकर पूरे देश के मुस्लिमों को वर्ष 2024 के लिए संदेश देना चाहती है कि कश्मीर के बाद रामपुर में मुस्लिम आबादी सबसे अधिक है और रामपुर के मुसलमानों ने भाजपा प्रत्याशी को जिताकर विधानसभा में भेज दिया है।
दूसरी ओर, वर्ष 2022 में भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना उर्फ हनी पूर्व मंत्री आजम खां से 55 हजार वोटों से चुनाव हार गए थे। जिसका मुख्य कारण भाजपा से मुस्लिमों की बेरुखी थी। भाजपा इस बार मुस्लिमों को हर हाल में अपने पाले में करने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। मुस्लिम वोटों में जितनी सेंधमारी हो जाएगी भाजपा प्रत्याशी के लिए जीत उतनी ही आसान होगी। क्योंकि इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। सभी हिन्दू मतदाता एकजुट होकर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर दें तब भी भाजपा प्रत्याशी उप चुनाव नहीं जीत सकते। बता दें कि भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली मेरठ से आकर पिछले महीने से ही यहां पसमांदा मुसलमानों को एकजुट करने में लगे हुए थे।