गुना जिले की बमौरी तहसील में सरकारी कॉलेज की जमीन से अतिक्रमण हटाने गए तहसीलदार और राजस्व अमले की कार्रवाई से घबराकर 5 महिलाओं द्वारा जहर खाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सभी अतिक्रमणकारी अपने लिए कोई दूसरी जमीन या मकान चाहते थे। आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन उनके विस्थापन की व्यवस्था किये बगैर ही बेघर कर रहा था।
बमौरी तहसील मुख्यालय पर शासकीय कॉलेज की वर्षों पुराने मांग पूरी करने की तैयारियां पहले ही दौर में विवादों में घिर गई हैं। शासन ने कॉलेज के लिए जमीन काफी पहले आवंटित कर दी थी। जिसपर कुछ गरीब और दलित वर्ग के लोगों द्वारा अपनी झोपडिय़ां बना रखी थीं। करीब एक दर्जन लोग यहां निवास करते हैं और मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहे थे। अचानक राजस्व विभाग का अमला मौके पर पहुंचा और अतिक्रमण हटाने का फरमान सुना दिया। यहां रहने वाली राजकुमारी, गीता, अनीता सहित 5 महिलाओं ने राजस्व अमले से गुहार लगाई कि वह पहले उन्हें रहने की दूसरी जगह बता दें।
आरोप है कि राजस्व विभाग ने उनकी सुने बगैर अपनी कार्रवाई शुरु कर दी। महिलाओं में खौफ व्याप्त हो गया कि अब उनके सिर से कच्चे आवास की छत भी छिनने वाली है। इसलिए उन्होंने घर में रखा कीटनाशक खा लिया। घटना की जानकारी मिलने पर राजस्व अधिकारी और कर्मचारी मौके से चले गए। इसके बाद पांचों महिलाओं को बमौरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां उनका उपचार जारी है। सभी परिवार प्रशासन की इस कार्रवाई से बेहद आक्रोशित नजर आ रहे हैं।