ग्रेटर नोएडा में एनटीपीसी स्थल के बाहर प्रदर्शनकारियों और पुलिस कर्मियों के एक समूह के बीच झड़प के कुछ घंटे बाद मंगलवार रात करीब एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दादरी में नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) परिसर के बाहर जमा हुए प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया गया। एनटीपीसी दादरी में 1980 में हुए जमीन अधिग्रहण के मामले में सरकार द्वारा अधिगृहित की गई ग्रामीणों की जमीन के एवज में अधिक मुआवजे की मांग को लेकर ये लोग प्रदर्शन कर रहे थे।
यह झड़प उस समय हुई जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए ग्रेटर नोएडा में थे। सुखवीर पहलवान उर्फ सुखवीर खलीफा, जिन्होंने आसपास के 24 गांवों से महिलाओं सहित लगभग 500 प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व किया, ने दावा किया कि पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की कार्रवाई में लगभग एक दर्जन लोग घायल हुए हैं।
पुलिस उपायुक्त (ग्रेटर नोएडा) (जोन तृतीय) अभिषेक वर्मा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि झड़प के दौरान तीन पुलिसकर्मियों के सिर में चोटें आई हैं। विरोध हिंसक हो गया और अचानक प्रदर्शनकारियों ने संयंत्र के अंदर घुसने की कोशिश की। वर्मा ने कहा कि उन्होंने संयंत्र के सामान्य कामकाज को रोकने और बिजली आपूर्ति बाधित करने का प्रयास किया।
उन्होंने दावा किया, ”इसे देखते हुए संयंत्र में ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) कर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। हालांकि, भीड़ और आक्रामक हो गई और सुरक्षाकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया।” वर्मा ने बताया कि किसानों के हमले में कांस्टेबल रविकांत और कांस्टेबल सागर घायल हो गए। दोनों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
अधिकारी ने कहा कि एनटीपीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, 55 लोगों को आरोपी बनाए जाने के साथ लगभग 100 लोगों पर हिंसा, दंगा करने, सरकारी अधिकारियों को उनके कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डालने सहित अन्य आरोप लगाए गए हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि मंगलवार रात तक कथित रूप से प्रदर्शन में शामिल 12 लोगों को स्थानीय पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जबकि आगे की कानूनी कार्यवाही की जा रही है। इस बीच, एनटीपीसी ने कहा कि वह अपनी नीतियों और नियमों के अनुसार प्रदर्शनकारियों की मांगों की जांच कर रही है।