एनटीपीसी दादरी में 1980 में हुए जमीन अधिग्रहण के मामले में एक बार फिर से किसान सड़कों पर आ गए हैं। मंगलवार को सैकड़ों की तादाद में आए किसानों ने प्लांट के गेट पर जमकर हंगामा किया और वहां पर तालाबंदी का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस और पीएसी के अधिकारियों ने हंगामा कर रहे किसानों को काफी समझाने का प्रयास किया। जब किसान नहीं माने तो पहले तो उन पर वाटर केनन और फिर बाद में लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया गया। इसमें कुछ किसानों को चोट भी आई हैं।
किसानों के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखवीर पहलवान समेत करीब 30 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है, जिसमें कुछ महिलाएं भी शामिल हैं।
1980 में हुए जमीन अधिग्रहण से असंतुष्ट हैं किसान
एनटीपीसी दादरी के लिए वर्ष 1980 में जमीन का अधिग्रहण किया गया था। किसानों का कहना है कि उस दौरान कुछ जमीन 10 रुपये के रेट पर और कुछ जमीन 150 रूपये के रेट पर अधिग्रहित हुई थी। उस समय करार किया गया था कि जो सुविधाएं और मुआवजा प्राधिकरण के द्वारा अन्य किसानों को दिया जाएगा, वही उन्हें भी मिलेगा। अब किसानों की मांग है कि उन्हें बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए और क्षेत्र का विकास हो। इन मांगों को लेकर किसानों ने प्राधिकरण को 31 अक्टूबर तक का समय दिया था और एक नवंबर से प्लांट पर तालाबंदी का ऐलान किया था।
इसी क्रम में मंगलवार को क्षेत्र के गांव ऊंची अमीरपुर, खंगौड़ा, सीधीपुर, ततारपुर, रसूलपुर, प्यावली बिसाह़ड़ा, बड़पुरा, कैलाश पुर, रूपबांस समेत 24 गांवों के किसान प्लांट के गेट पर पहुंच गए और वहां पर तालाबंदी का प्रयास करते हुए धरना दिया। हालांकि, भारी फोर्स होने के कारण वह तालाबंदी नहीं कर सके।
कई किसानों के चोटें भी आईं
इस दौरान उनकी अनेक बार पुलिस अधिकारियों से नोंकझोंक भी हुई। आरोप है कि दोपहर में अचानक से प्लांट पर पीएसी कर्मियों की संख्या बढ़ गई और उसके बाद किसानों पर पहले फायर बिग्रेड की गाड़ियों से पानी की बौछार डाली गई और फिर उन पर लाठीचार्ज कर दिया गया, जिसमें अनेक किसानों के चोटें भी आई हैं।
किसानों के अनुसार, पुलिस ने किसान नेता सुखवीर खलीफा, ऊदल आर्य, प्रवीण चौहान, मुनीन्द्र समेत 30 से अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया है, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं और गांवों में बड़ी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गई है। हालांकि, पुलिस अधिकारी लाठीचार्ज की बात से इनकार कर रहे हैं।