राजस्थान में लड़कियों की नीलामी से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट पर अब राज्य के डीडीपी एमएल लाथर ने अपनी बात रखी है। एमएल लाथर ने कहा है कि राज्य की पुलिस महिलाओं के प्रति अपराध को लेकर काफी संवेदनशील है। डीजीपी ने कहा कि महिला अपराध को रोकने के लिए खास तौर से निगरानी की जा रही है। महिलाओं और नाबालिगों को स्टांप पेपर पर नीलाम करने से जुड़ी खबर सामने आने के बाद पुलिस लगातार इसकी निगरानी कर रही है और संवेदनशील जगहों पर महिलाओं और नाबालिगों की तस्करी पर नजर रख रही है। डीजीपी ने बताया कि पहले महिलाओं को वेश्यावृति में ढकेलने समेत अन्य अपराध होते थे लेकिन आज इसपर काबू किया गया है। जैसी ही इन असामाजिक प्रवृतियों के बारे में सूचना मिलती है पुलिस उसपर त्वरित कार्रवाई करती है।
इससे पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राज्य महिला आयोग ने स्टांप पेपर पर नाबालिगों की नीलामी से संबंधित एक खबर को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट की भी मांग की है। जिसमें दावा किया गया है कि भीलवाड़ा जिले में जवान लड़कियों को स्टांप पेपर पर बेचा जा रहा है और गांवों के जातीय पंचायत में विवाद खत्म करने के लिए महिलाओं से दुष्कर्म किया जा रहा है। इस संबंध में एक रिपोर्ट ‘दैनिक भास्कर’ में छपी थी। जिसके बाद एनआचआरसी ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था। एक बयान में डीजीपी ने समाचार पत्र में छपी खबर पर कहा कि रिपोर्ट में जिन दो लड़कियों का जिक्र किया गया है वो अभी नारी निकेतन, अजमेर में रह रही हैं। लड़कियों के साथ हुई घटना को लेकर साल 2019 में पॉक्सो एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था। अपराध सिद्ध होने पर 25 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी।
महिलाओं के प्रति ऐसी घटनाओं को लेकर डीजीपी ने कहा कि साल 2019 में भीलवाड़ा जिले में लड़कियों की खरीद-बिक्री के खिलाफ ‘ऑपरेशन गुड़िया’ चलाया गया था। उस वक्त तत्कालीन पुलिस अधीक्षक हरेंद्र महावार और एडिशनल एसपी अनुक्रेथी उज्जैनिया तथा उनकी टीम ने अपहरण की गई लड़कियों को छुड़ाया था और उन आरोपियों को गिरफ्तार किया था जिन्होंने देह व्यापार के लिए मजबूर किया था। इन आरोपियों द्वारा अजमेर के विभिन्न इलाकों में देह व्यापार का धंधा चलाया जा रहा था।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, लड़कियों को अगवा किया गया था और उन्हें दवाइयां देकर जवान किया जा रहा था। इसके बाद उन्हें देह व्यापार के मंडी में भेजा जा रहा था। पुलिसिया जांच से इस बात का पता चला था कि इस गैंग का कनेक्शन राजस्थान के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से भी है। इसके बाद इन राज्यों में अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की गई थी। कई आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद जिन्होंने लड़कियों खरीदी या बेची थी उन्होंने 7 पीड़ितों को पुलिस के हवाले किया।