मोबाइल कंपनी में नौकरी के नाम पर सैकड़ों युवकों से लाखों रुपये ठग लिए गए। इस मामले में 18 युवकों ने सामने आकर सेक्टर-20 कोतवाली पुलिस से शिकायत की है। बुलंदशहर के खुर्जा निवासी देवेश कुमार ने बताया कि वह इंटर पास है। एक माह पूर्व उसे विज्ञापन के जरिए मोबाइल कंपनी में 14,500 रुपये प्रतिमाह की नौकरी के बारे में पता चला। उन्होंने निठारी निवासी अपने दोस्त धर्मेंद्र को इस बारे में बताया।
इसके बाद दोनों विज्ञापन में लिखे सेक्टर-18 स्थित कंपनी के ऑफिस पर पहुंचे। यहां उन्हें रिसेप्शन पर युवती ने फॉर्म भरने के लिए दिया और दोनों से 1,350 रुपये पेटीएम करा लिए। युवती ने उन्हें एक नंबर दिया और उक्त नंबर पर व्हाट्सऐप के जरिए बात कर बदरपुर बॉर्डर पिलर नंबर-36 पर जाकर अपने दस्तावेजों का सत्यापन कराने के लिए कहा। दोनों युवक बदरपुर पहुंचे, जहां एक शख्स ने दस्तावेज सत्यापन करने की एवज में दोनों से 350 रुपये लेकर उन्हें एक लिफाफा थमाया और एक महिला का नंबर देकर कासना स्थित कंपनी का पता बताते हुए भेज दिया।
दोनों युवक वहां पहुंचे, जहां मौजूद छह लोगों ने उनसे लिफाफा लेकर उनकी ट्रेनिंग शुरू कर दी। उन्होंने उनसे 6500 रुपये जमा करा लिए और उन्हें फेस वॉश, क्रीम आदि कॉस्मेटिक सामान थमा दिया। उनसे कहा गया कि 65 प्रतिशत सामान बाजार में बेचने पर उन्हें मोबाइल कंपनी में नियुक्त कर दिया जाएगा। सामान बेचने का, जो पीड़ितों को पैसा मिला, वह भी जालसाजों ने ले लिया। ट्रेनिंग खत्म होने के बाद आरोपियों ने उन्हें कंपनी से दो दिन में कॉल आने की बात कही और घर भेज दिया। पीड़ितों के पास एक माह बाद भी फोन नहीं आया। उन्होंने जालसाजों को कॉल किया तो नंबर बंद मिले।
एक महीने में 30 से ज्यादा मामले आए
नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पिछले एक महीने में जिले में 30 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। पीड़ितों में अधिकतर युवा बेरोजगार हैं, जो यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और झारखंड के हैं। ठग मोटी तनख्वाह देने का लालच देकर बेरोजगारों को शिकार बनाते हैं। पीड़ितों से मोटी रकम ऐंठकर ऑफिस बंद करके भाग जाते हैं।
पीड़ित पुलिस में शिकायत करते हैं, लेकिन न तो आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आते हैं और न ही पीड़ितों के रुपये ही उन्हें मिल पाते हैं। अधिकतर ठग सेक्टर-20 थाना क्षेत्र के सेक्टर-1, 2, 3, 4, 5, 6 और 18 में सक्रिय हैं। आरोपियों ने इन्हीं सेक्टर में अपने ऑफिस बना रखे हैं। पुलिस ने बचने के लिए आरोपियों ने मकानों को किराए पर लेकर भी ऑफिस बनाए हैं।