राजस्थान की गहलोत सरकार ने राज्य के औद्योगिक विकास में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए डॉ. भीमराव अंबडेकर राजस्थान दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना-2022 का आगाज किया है। राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने योजना शुरू की है। उद्योग आयुक्त महेंद्र पारख ने उद्योग भवन में गुरुवार को राज्य के समस्त बैंकों के राज्यस्तरीय नियंत्रक अधिकारीगणों के साथ बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि जिले में योजना के प्रभावी क्रियान्वयन एवं व्यापक प्रचार-प्रसार सहित आवंटित लक्ष्यों की शत-प्रतिशत प्राप्ति के लिए महाप्रबंधक, जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र व जिले की शीर्ष बैंक के अग्रणी जिला प्रबंधक को अपने स्तर पर निर्देशित करवाने का श्रम करें।
25 लाख रुपए तक के ऋण पर 9 फीसद ब्याज अनुदान
आयुक्त पारख ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत 25 लाख रुपए तक के ऋण पर 9 फीसद ब्याज अनुदान तथा 5 करोड रुपए तक के ऋण पर 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ ही 25 लाख रुपए तक की सीमा में प्रोजेक्ट लागत का 25 फीसद तक मार्जिन मनी का भी प्रावधान किया गया है जिससे अनुसूचित जाति एवं जनजाति के निवेशक नए उद्योग लगाने ,सेवा क्षेत्र में तथा व्यापार के लिए भी प्रेरित होंगे।पारख ने बताया कि राज्य सरकार की बजट घोषणा की अनुपालना में विभाग ने 8 सितम्बर 2022 को अधिसूचित कर दी थी। उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत लक्षित वर्गों के प्रथम पीढ़ी के उद्यमियों सहित पात्र व्यक्तियों को उद्यम की स्थापना या विस्तार के लिए विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता अनुदान एवं अन्य सुविधाओं संबंधी प्रावधान किये गए हैं, जिससे उक्त वर्गों का आर्थिक सशक्तिकरण हो सकेगा।
विभिन्न प्रकार की सुविधाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जाएगा
आयुक्त ने बताया कि योजनान्तर्गत लक्षित वर्गों के उद्यमियों को उद्यमिता एवं कौशल संवर्धन कार्यक्रम, इन्क्यूबेशन सेन्टर के माध्यम से प्रायोगिक प्रशिक्षण, रियायती दर पर भूमि की उपलब्धता व अन्य परिलाभ, कम लागत पर ऋण सुविधा, सीजीटीएमएमएसई के अन्तर्गत गांरटी फीस मार्जिन मनी अनुदान, व्याज अनुदान सहित विभिन्न प्रकार की सुविधाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जाएगा।