मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक जल शोधन संयंत्र में सिलेंडर से क्लोरीन गैस के रिसाव की चपेट में आकर दस लोग बीमार हो गए। साथ ही मदर इंडिया कॉलोनी में नाले के किनारे रहने वाले 70 से ज्यादा परिवारों को शिफ्ट करना पड़ा। ज्यादातर लोग आज सुबह घरों को लौटे। खाली घरों में चोरी न हो जाए, इसलिए बुधवार को रातभर पुलिस तैनात रही। इस घटना से मध्य प्रदेश के राजधानी भोपाल में 1984 में हुई भयानक गैस त्रासदी की यादें ताजा हो गईं।
बताया जा रहा है कि यहां आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ होने पर 10 से ज्यादा लोगों को हमीदिया में भर्ती कराया गया। पुराने भोपाल के शाहजहानाबाद क्षेत्र के सहायक पुलिस आयुक्त उमेश मिश्रा ने बृहस्पतिवार को बताया कि ईदगाह हिल्स स्थित भोपाल नगर निगम के जल शोधन संयंत्र में बुधवार को 900 किलोग्राम के क्लोरीन गैस से भरे सिलेंडर से रिसाव होने लगा। उन्होंने बताया कि रिसाव के बाद संयंत्र के आसपास झुग्गियों में रहने वाले सात लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याओं की शिकायत होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि गैस रिसाव के बाद कुछ लोगों को दुर्गंध के साथ सांस लेने में तकलीफ, खांसी और उल्टी की शिकायत होने लगी। मिश्रा ने कहा कि रिसाव का पता चलने के बाद सिलेंडर को जल शोधन संयंत्र की पानी की टंकी में डुबो दिया गया। उन्होंने कहा कि संयंत्र में खराबी को ठीक कर लिया गया है।
मालूम हो कि 1984 में दो और तीन दिसंबर की दरमियानी रात भोपाल में यूनियन कार्बाइड कारखाने से निकली जहरीली गैस में हजारों लोग मारे गए और पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए थे। यह कारखाना अब बंद हो चुका है।