हिमाचल के कांगड़ा जिले में स्थित जयसिंहपुर विधानसभा सीट पर अब तक हुए दो चुनावों में भाजपा और कांग्रेस एक-एक जीत के साथ बराबरी पर हैं। ऐसे में दोनों पार्टियों का जीत के साथ बढ़त बनाने का प्रयास रहेगा। भाजपा-कांग्रेस ने अपने पिछले चेहरों पर ही इस बार भी विश्वास जताया है। भारतीय जनता पार्टी से रविन्द्र कुमार और कांग्रेस से यादविंद्र गोमा चुनावी मैदान में हैं। वहीं, इस बार तीसरी पार्टी के रूप में आम आदमी पार्टी की एंट्री से इस विधानसभा के चुनाव के रोचक होने की संभावना है। जयसिंहपुर से आम आदमी पार्टी ने संतोष कुमार खनुरिया को चुनावी मैदान में उतारा है। इसके अलावा कांग्रेस के बागी नेता सुशील कौल ने निर्दलीय नामांकन दर्ज कर मुकाबले को और रोचक बना दिया है।
पिछले चुनावों में जयसिंहपुर सीट भाजपा के खाते में आई थी। 2017 में जयसिंहपुर में कुल 58.53 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से रविन्द्र कुमार ने भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के यादविन्द्र गोमा को 10710 वोटों के मार्जिन से हराया था। बसपा के केहर सिंह यहां 1,082 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
इससे पहले 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार यादविंदर गोमा विधायक चुने गए थे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार आत्माराम को हराया था। इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार यादविंदर को 22,233 वोट मिले थे, जबकि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार आत्माराम को 12,498 वोट मिले थे। इसी तरह वोट शेयर की बात करें तो कांग्रेस पार्टी को 49.11% तथा भाजपा को 27.61% वोट शेयर मिला था। जयसिंहपुर विधानसभा सीट के लिए हो रहे पहले ही चुनाव में भाजपा विचारधारा से सम्बन्ध रखने वाले रविन्द्र धीमान ने निर्दलीय मैदान में उतर कर मुकाबले को तिकोना बना डाला। आजाद उम्मीदवार के तौर पर आठ हजार से ज्यादा वोट लेकर रविन्द्र धीमान ने भाजपा के चुनावी समीकरणों को बुरी तरह से बिगाड़ दिया, नतीजतन कांग्रेस के यादविंद्र गोमा बम्पर जीत के साथ चुनाव जीते थे।
महिला मतदाताओं के हाथ में हार-जीत की चाबी
जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र उन 16 विधानसभा क्षेत्रों में शामिल है, जहां पुरुषों के मुकाबले महिला वोटर ज्यादा हैं और जीत- हार की चाबी महिलाओं के हाथ है। जयसिंहपुर में कुल मतदाता 80,890 हैं। इनमें से 39300 पुरुष और 41590 महिला मतदाता हैं। ऐसे में इस सीट पर पुरुषों की अपेक्षा महिला मतदाताओं की भूमिका ज्यादा निर्णायक रही है।
परिसीमन के बाद बदले जातिगत समीकरण
कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के तहत कांगड़ा जिला के अंतर्गत आता जयसिंहपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। जब यह थुरल विधानसभा थी तो इस पर राजपूत मतदाताओं की बहुलता थी, लेकिन अब दलित मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। जयसिंहपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र वर्ष 2008 में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया था। उस समय राजगीर व थुरल के समायोजन से पुनर्सीमांकन के बाद नया विधानसभा क्षेत्र जयसिंहपुर बना। जिला कांगड़ा के राजनैतिक मानचित्र से थुरल का नाम खत्म होने पर जयसिंहपुर नाम दिया गया। पुराने थुरल की नौ पंचायतें ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र में चली गईं थीं। राजगीर की कुछ पंचायतें थुरल में आईं तो जयसिंहपुर बना।