बदलते मौसम के साथ कई लोग वायरल, बैक्टीरियल इन्फेक्शंस की चपेट में आ रहे हैं। वहीं प्रदूषण की वजह से भी सांस के मरीजों में दिक्कत दिख रही है। ज्यादातर इन्फेक्शंस की शुरुआत गले से हो रही है। यह संक्रमण कभी-कभी इतना खतरनाक हो जाता है कि पानी तक निगलने में दिक्कत होती है। वहीं जिन लोगों की लेरिंक्स या गले की नली सेंसिटिव है उनको इससे लंबे समय तक सूखी खांसी की दिक्कत भी सता सकती है। ऐसे में कुछ घरेलू उपचार हैं जो आपके काम आ सकते हैं।
वायरस पर नहीं काम करती दवा
सबसे पहले तो यह जान लें ज्यादातर गले का संक्रमण या सर्दी-जुकाम बदलते मौसम में वायरस की वजह से होता है। वहीं बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी आपके गले में दर्द और टॉन्सिल्स फूलने की वजह बन सकता है। वायरल इन्फेक्शन में कोई दवा काम नहीं करती। यह इसके लक्षण करीब 10 दिन में अपने आप ही चले जाते हैं। वहीं बैक्टीरियल इन्फेक्शन को ट्रीट करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं।
इम्यूनिटी के लिए खुश रहना जरूरी
हमें वायरल इन्फेक्शन है या बैक्टीरियल इसका पता नहीं चल सकता। इसलिए बेहतर है कुछ घरेलू उपचार करके सावधानियां बरती जाएं। सबसे पहले तो मौसम बदलते ही अपनी इम्यूनिटी पर ज्यादा ध्यान देना शुरू करें। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जरूरी नहीं है कि आप ढेर सारे मल्टीविटामिन्स और जड़ी-बूटियां खाना शुरू कर दें। प्रतिरक्षा तंत्र ठीक से काम करे इसके लिए खुश रहना और ऐक्टिव रहना भी जरूरी है। इसके अलावा जरूरी है कि जब आपको संक्रमण का पहला लक्षण दिखे तब ही कुछ उपाय शुरू कर दें।
ज्यादा से ज्यादा करें रेस्ट
जब आपको अपने गले में चुभन महसूस होनी शुरू हो तो गरम पानी से गरारा करें और भाप लें। वहीं अगर आपके पास Povidone गार्गल जैसे बीटाडीन हो तो उससे गरारा कर लें। इसके साथ ही ढेर सारा पानी, गर्म पेय पिएं और जितना हो सके रेस्ट करें। शरीर में कोई संक्रमण होने पर आराम की सलाह दी जाती है ताकि आपके शरीर की एनर्जी का इस्तेमाल इस इन्फेक्शन से फाइट में लग सके।
मीठी चीजें खाएं, खट्टी चीजों से परहेज
अगर आपको गले में संक्रमण हो गया है तो किसी से चेक करवाएं, अंदर लाल और सफेद निशान हैं तो यह बैक्टीरियल संक्रमण हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लें। इसके अलावा कोई ऐसी चीज न खाएं जो गले को इरिटेट करें। नमक डालकर गुनगुने पानी से गरारा करें। शहद खाएं। मिर्च और खट्टी चीजों से दूर रहें। आप गरम रवे का हलवा या कोई मीठी गरम चीज खाएं इससे गला इरिटेट नहीं होगा।
करें ये घरेलू उपाय
अदरक को नैचुरल एंटी-हिस्टामीन माना जाता है। आप अदरक को कद्दूकस करके इसमें शहद मिलाकर खाएं। तुलसी में ऐंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं। धोकर तुलसी की पत्ती चबाएं। ग्रीन टी में मुलेठी डालकर पिएं। सोते समय एक कप दूध में हल्दी और बहुत थोड़ी सी काली मिर्च मिलाकर पिएं। ध्यान रखें काली मिर्च ज्यादा होने पर गले को दिक्कत हो सकती है इसलिए मात्रा कम रखें। मेथी के दानों को पानी के साथ निगल लें या पानी में उबालकर पिएं। बैक्टीरियल इन्फेक्शन और इनफ्लेमेशन में यह होम रेमेडी कारगर होती है।