राजस्थान के बारां में धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। बारां में 250 परिवारों ने मिलकर बौद्ध धर्म अपना लिया। धर्म परिवर्त करने वाले लोगों ने आरोप लगाया कि 5 अक्टूबर दुर्गा पूजा के दिन आरती के दौरान दलितों की पिटाई की गई जिसके विरोध में 250 दलित परिवारों ने हिंदू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म अपना लिया। दलित परिवारों का कहना है कि उन्होंने कई जगह शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। प्रशासन से लेकर राष्ट्रपति तक शिकायत की गई थी। कहीं सुनवाई ना होने पर दलितों ने बताया कि उन्होंने देवताओं की मूर्तियों को नदी में प्रवाहित कर दिया और बौद्ध धर्म अपना लिया।
5 अक्टूबर को दुर्गा पूजा में कथित तौर पर हुई थी पिटाई
दलित परिवारों ने आरोप लगाया कि 5 अक्टूबर को दुर्गा पूजा की आरती के दौरान लोगों ने उनकी पिटाई की थी। उन्होंने राज्य सरकार से लेकर राष्ट्रपति तक गुहार लगाई लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। कहीं सुनवाई ना होने पर दलित परिवारों ने हिंदू धर्म छोड़ बौद्ध धर्म अपना लिया। घर रखे सभी देवी-देवताओं की मूर्तियों को नदी में प्रवाहित कर दिया।
गहलोत सरकार के खिलाफ लगाए नारे
दलित परिवार वालों ने बताया कि राज्य प्रशासन से पिटाई की शिकायत की गई थी लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। इस बात से नाराज लोगों ने राज्य की गहलोत सरकार के खिलाफ नारे लगाए। दलित परिवारों ने राज्य सरकार पर अन्याय का आरोप लगाया है।
बारां जिले में दुर्गा पूजा में आरती के दौरान पिटाई से नाराज दलितों ने अपने घर में उपस्थित सभी देवी-देवताओं की मूर्तियों को नदी नदी में विसर्जित कर दिया। दलित परिवार के एक युवक ने आरोप लगाया कि दुर्गा पूजा के दिन वो दुकान बंद कर वापस आ रहा था तभी कुछ लोगों ने उससे मारपीट की थी। जिसे लेकर दलित समुदाय में नाराजगी का माहौल था। कहीं कोई सुनवाई ना होने पर लगभग 250 दलित परिवारों ने हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया।