मध्य प्रदेश से एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला अस्पताल में शव वाहन न मिलने से एक मामा अपनी भांजी के शव को दो घंटे तक कंधे पर ले कर इधर उधर भटकता रहा और अंत में बस से अपनी भांजी का शव अपने गांव ले गया। ये सब उस राज्य में हुआ जहां के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद को राज्य की बेटियों का मामा कहते हैं और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं।
दरअसल जिले के बिजाबर थाना क्षेत्र अंतर्गत बाजना के पाटन गांव में रहने वाले रामेश्वर की चार साल की बेटी खेलते-खेलते नदी की मिट्टी में दबने से गंभीर रूप से घायल हो गई थी। जिसके बाद उसे बिजाबर स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां से उसे जिला अस्पताल के लिए रिफर कर दिया गया। गांव से छतरपुर मुख्यालय की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है। जिला अस्पताल पहुंचते पहुंचते घायल प्रीति को लगभग 2 घंटे लग गए। जिला अस्पताल पहुंचते ही OT में उसका इलाज शुरू हो गया। इलाज चल ही रहा था कि तभी 4 साल की मासूम प्रीति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
बस से भांजी का शव ले गया मामा
प्रीति की मौत के बाद उसके पिता रामेश्वर एवं उसके मामा किशोरी अहिरवार उसे अपने गांव ले जाना चाहते थे। एंबुलेंस के लिए मृतक प्रीति के शव को कंधे पर लेकर उसका मामा लगभग दो घंटे तक इधर उधर भटकता रहा लेकिन उसे एंबुलेंस नहीं मिल सकी, जिसके बाद वह अपनी भांजी का शव बस के माध्यम से अपने गांव ले गया। संबंधित मामले में अभी तक जिला अस्पताल प्रबंधन एवं जिला अधिकारिओं ने कोई भी जवाब नहीं दिया है।