मनसे प्रमुख राज ठाकरे और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के अनुरोध के बाद भाजपा ने अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवार को वापस लेने का फैसला किया। जिसके बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना के लिए इस सीट पर जीत की राह आसान हुई। इस घटनाक्रम को महाराष्ट्र कांग्रेस ने अप्रत्याशित करार दिया है खासकर शरद पवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीसीसी चीफ नाना पटोले का आरोप है कि शरद पवार का भाजपा को सलाह देना एक डील है। कांग्रेस इसे बीसीसीआई से कनेक्शन मानकर चल रही है।
महाराष्ट्र कांग्रेस ने आरोप लगाया कि शरद पवार ने भाजपा से अपने उम्मीदवार को वापस लेने के लिए इसलिए कहा क्योंकि उनकी भाजपा के साथ भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में कोषाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर डील हुई है। नाना पटोले ने कहा कि एनसीपी प्रमुख ने मुंबई क्रिकेट संघ और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के चुनावों के लिए मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार के साथ हाथ मिलाया था। शेलार पवार पैनल की मदद से बीसीसीआई कोषाध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा, “फिलहाल एमसीए के चुनाव हो रहे हैं, जहां पैसों का खेल चल रहा है। दोनों नेता (राज ठाकरे और शरद पवार) ने भाजपा से अपना उम्मीदवार वापस लेने को कहा। इससे पहले तीन उपचुनाव हुए थे और भाजपा पीछे नहीं हटी थी। लेकिन, अचानक इन दोनों नेताओं ने मांग की और भाजपा चुनाव से पीछे हट गई, ये कैसे हुआ?”
पटोले के दावों पर एनसीपी क्या बोली
नाना पटोले ने दावा किया कि चूंकि भाजपा अंधेरी पूर्व में एक कठिन चुनाव का सामना कर रही थी, इसलिए पवार और राज ठाकरे ने भगवा पार्टी को चुनाव से हटने का बहाना दिया। एनसीपी नेता महेश तापसे ने कहा, “हमें समझ नहीं आ रहा है कि अंधेरी ईस्ट उपचुनाव का हमारी पार्टी प्रमुख के एमसीए/बीसीसीआई चुनाव में शामिल होने के बीच संबंध कैसे हो सकता है?”
पटोले की टिप्पणियों के कुछ घंटे बाद इससे उलट बालासाहेब थोराट और अशोक चव्हाण के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने शरद पवार से मुलाकात की और उनसे राहुल गांधी की भारत जोड़ी यात्रा में भाग लेने का अनुरोध किया। माना जा रहा है कि नवंबर में यात्रा के महाराष्ट्र पहुंचने की उम्मीद है।