बसपा प्रमुख मायावती ने अमेरिकी अखबरों में छपने वाले भारत विरोधी विज्ञापनों को लेकर चिंता जताई है। इसके अलावा उन्होंने भूख सूचकांक सहित विश्व संगठनों की भारत संबंधी निगेटिव रिपोर्ट पर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि इन खबरों का खंडन करने के साथ ही समाधान भी करना जरूरी है। राज्य और केंद्र सरकार को सही नीयत और नीति से काम करने की जरूरत है।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को ट्वीट कर केंद्र और राज्य सरकार को हमला बोला। मायावती ने विदेशी मुद्रा भंडार की कमी, अर्थव्यवस्था, भूख सूचकांक में भारत की स्थिति पर निगेटिव रिपोर्ट पर चिंता जाहिर की। मायावती ने कहा, “रुपये का अनवरत अवमूल्यन, विदेशी मुद्रा भण्डार में कमी, चरमराती अर्थव्यवस्था, बदतर भूख सूचकांक सहित विश्व संगठनों द्वारा भारत सम्बंधी निगेटिव रिपोर्ट के बीच अमेरिकी अखबार में भारत-विरोधी विज्ञापन आदि चिन्ताजनक हालात पैदा कर रहे हैं, जिसका खण्डन ही नहीं बल्कि सही समाधान भी जरूरी।”
मायावती ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा, “बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर निर्मित भारत का कल्याणकारी, समतामूलक व मानवतावादी संविधान दुनिया के लिए आज भी आदर्श होने के बावजूद भारत की वैश्विक इमेज जिस प्रकार से प्रभावित हो रही है वह दुःख व चिन्ता की बात है। केन्द्र एवं राज्य सरकारों को सही नीयत व नीति से काम करने की जरूरत।”
भूख सूचकांक में भारत की स्थिति खराब
हाल ही में वैश्विक भूख सूचाकांक की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक भारत 121 देशों में 107वें स्थान पर था। वहीं केद्र सरकार ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया। सरकार ने कहा कि वैश्विक भूख सूचकांक की यह माप गलत है। इसमें कई गंभीर मेथाडोलॉजिकल दिक्कतें हैं। बता दें कि साल 2021 में भारत की 101 स्थान पर था।