राजस्थान के नागौर जिले के मेडता के करयाड़ा गांव के नेमाराम हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है। मेड़ता सिटी पुलिस ने पति की हत्या के आरोप में पत्नी के बाद गुरुवार शाम को नेमाराम के बेटे को भी गिरफ्तार कर लिया है। दोनों ने भारी भरकम लोन माफ कराने और लाखों का क्लेम लेने के लिए 4 अक्टूबर को नेमाराम की हत्या कर दी। वहीं तीन महीने पहले नेमाराम के नाम से एक ट्रैक्टर और पिकअप खरीद कर दोनों वाहन 20 लाख में फाइनेंस कराए थे। साथ ही दोनों ने नेमाराम का 30 लाख का बीमा भी कराया था। ऐसे में मां-बेटे हत्या के बाद कुल मिलाकर 50 लाख का क्लेम हासिल करना चाहते थे। पुलिस मृतक की पत्नी पहले की गिरफ्तार कर लिया था। हत्याकांड में संलिप्तता पाए जाने पर बेटे को भी गिरफ्तार कर लिया है।
पुुलिस ने नेमाराम की हत्या पर दोनों को किया गिरफ्तार
उल्लेखनीय है कि कुरड़ाया गांव निवासी नेमाराम के बड़े भाई भाकरराम माकड़ ने आरोप लगाया कि 4 अक्टूबर को नेमाराम की पत्नी ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल करने पर नेमाराम की पत्नी को गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ में नेमाराम के बेटे की भूमिका भी सामने आई थी। पुलिस के अनुसार नेमाराम की पत्नी शारदा और उसका बेटा रविंद्र दोनों ही नेमाराम से परेशान थे। नेमाराम नशे का आदि था। ऐसे में रोज-रोज के झगड़े से तंग आकर मां-बेटे दोनों ने नेमाराम को ठिकाने लगा दिया।
दोनों ने पुलिस को किया गुमराह
पुलिस के अनुसार मां-बेटे दोनों ने नेमाराम की हत्या करने के बाद पहले तो पूरे परिवार को यह कहकर गुमराह किया कि नेमाराम की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। बाद में उसकी अंत्येष्टि कर सबूत भी मिटा दिए। जब अंत्येष्टि से पहले भाइयों ने नेमाराम के शरीर पर चोटों के निशान देखे, तो कहा कि एक दिन पहले बाइक से गिर गए थे, यह वहीं निशान है मगर गले के चारों तरफ गहरे निशान देखकर परिवार के अन्य लोगों को शक हुआ था और उन्होंने कुछ फोटो खींच लिए। अंत्येष्टि के बाद परिजनों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। जिसके बाद पत्नी ने हत्या की बात कबूल ली।