क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मी बनकर एयरोसिटी में वारदात करने आए दो बदमाशों को पुलिस ने पकड़ लिया। दोनों बदमाश इरान से वीजा लेकर भारत आये थे। इनमें से एक बदमाश वर्ष 2018 में आ गया था, जबकि दूसरा बीते अगस्त माह में ही 30 दिन के वीजा पर आया था। वह लोगों को झांसा देने के लिए पुलिस का नकली आईकार्ड दिखाते थे। इसके साथ ही दोनों आरोपियों के पास से एक वॉकी-टॉकी और गाड़ी की तीन नंबर प्लेट बरामद हुई है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हमेद और फैसल सिरागी के रूप में हुई है।
हामिद के खिलाफ पहले से दो मामले दर्ज हैं। डीसीपी तनु शर्मा के अनुसार, बीते 16 सितंबर को दुबई के एक कारोबारी से दो लोगों ने क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर ठगा था। उन्होंने जांच के बहाने एयरोसिटी में कारोबारी एवं उनकी पत्नी को रोका था। वह उनके कुछ हजार रुपये एवं बैग में मौजूद मोबाइल चोरी कर फरार हो गए थे। दोनों बदमाश कार में सवार थे और उन्होंने पुलिस से मिलते-जुलते कपड़े पहने हुए थे। मामला दर्ज कर एसीपी वीरेंद्र मोर की देखरेख में एसएचओ यशपाल की टीम छानबीन कर रही थी।
हमेद 2018 में अवैध तरीके से भारत आया था
गिरफ्तार किये गये हमेद के खिलाफ वर्ष 2020 में तिलक नगर और हौज खास में भी मामला दर्ज हुआ था। हमेद 2018 से अवैध तरीके से भारत में रहता है। वहीं फैसल बीते 5 अगस्त को 30 दिन के वीजा पर वारदात करने के इरादे से आया था। इस काम में पुलिस का सहयोग करने के लिए वायु प्रहरी (गार्ड) को सम्मानित किया गया।
गार्ड के रोकने पर आरोपियों ने दिखाई थी धौंस
बीते 2 अक्तूबर को नितिन सिंह नामक गार्ड ने इस गैंग के दो सदस्यों को गाड़ी में जाते समय रोक लिया, जबकि उनका तीसरा साथी वहां से फरार हो गया। गाड़ी से उतरे युवकों ने हाथ में वॉकी-टॉकी दिखाते हुए खुद को क्राइम ब्रांच का पुलिसकर्मी बताया। उन्होंने गार्ड को धमकी दी। इस दौरान वहां पर अन्य सुरक्षाकर्मी आ गए और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब इनकी गाड़ी की तलाशी ली तो उसमें से तीन नंबर प्लेट मिली। इनकी पहचान इरानी नागरिक हमेद और फैसल के रूप में हुई। वह एयरोसिटी इलाके में वारदात करने के मकसद से आये थे।