उत्तराखंड में हरिद्वार के लालढांग से बीरोंखाल (पौड़ी) के कांडा तल्ला गांव जा रही बारातियों से भरी बस सिमड़ी के पास अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। बस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई,जबकि 21 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ घायलों की हालत बेहद नाजुक होने की वजह से मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।
कार के आगे सांप आ गया था, जिसे देखकर मैंने अपनी कार की ब्रेक लगा दी। फिर मेरी कार को ओवरटेक कर आगे निकली बारातियों से भरी बस अचानक खाई में जा गिरी। इस पूरे खौफनाक मंजर के चश्मदीद दूल्हे की कार का चालक धर्मेंद्र उपाध्याय घटनाक्रम का जिक्र करते हुए सिहर उठा। चालक बोला कि बस आखिर कैसे गिरी यह उसे भी समझ नहीं आया, बस चंद सेकेंड सब कुछ खत्म हो गया।
मंगलवार को लाल ढंग का ही रहने वाला पेशे से टैक्सी चालक धर्मेंद्र उपाध्याय ही अपनी कार में दूल्हे, उसकी बहन ,उसकी भाभी एवं पंडित को लेकर रवाना हुआ था। उसकी कार के पीछे ही बारातियों से भरी बस चल रही थी। बकौल धर्मेंद्र की जैसे ही वह कांडा तल्ला गांव से करीब एक किलोमीटर पहले पहुंचे तो उसकी कार के आगे अचानक सांप आ गया। सांप को बचाने के चक्कर में उसने कार के ब्रेक लगा दिए।
इधर पीछे आ रही बस के चालक ने ब्रेक लगाने की वजह ओवरटेक करते हुए बस आगे बढ़ा दी। यह बताते हुए भावुक हो गए धर्मेंद्र उपाध्याय ने बताया कि चंद सेकेंड में ही 500 मीटर आगे चलकर बस नीचे गहरी खाई में जा गिरी। यह देख कर कार में सवार उसके साथ-साथ दूल्हा, उसकी बहन, भाभी और पंडित के रोंगटे खड़े हो गए। वह भी तुरंत कार से बाहर निकल कर नीचे देखने लगे लेकिन नीचे कुछ नहीं दिखाई दे रहा था। चीख-पुकार की आवाजे सन्नाटे को तोड़ रही थी।
देर रात तक चला रेस्क्यू, तड़के दोबारा शुरू
धुमाकोट क्षेत्र के बीरोंखाल के सिमड़ी गांव में हुए बारातियों की बस दुर्घटना के बाद राहत और बचाव दल एक बार फिर तड़के रेस्क्यू कार्य में जुट गईं हैं। डीएम विजय कुमार जोगदंडे और एसएसपी यशवंत सिंह चौहान बीती रात ही घटना स्थल पर पहुंच चुके थे। डीएम के निर्देशों के बाद आपदा प्रबंधन के तहत आईआरएस से जुड़े सभी अधिकारियों को मौके पर तैनात कर दिया गया है। जिसमें स्वास्थ्य, पेयजल, खाद्य आपूर्ति, पुलिस, सूचना आदि विभागों को घटनास्थल पर ही जरूरी व्यवस्थाएं करने हेतु तैनात किया गया है। वहीं देर रात तक चले रेस्कयू के बाद तडक़े बचाव दल एक बार फिर रेस्कयू कार्य मे जुट गए हैं। हालांकि बीती देर रात तक बचाव दलों ने 21 लोगों का रेस्कयू कर अस्पताल पहुंचा दिया था। 25 लोगों की मौत हो चुकी है।
संकरी सड़कें और ओवरलोडिंग हादसों की वजह
पहाड़ों में अधिकांश सड़कें संकरी और बदहाल हैं। सड़कों पर सुरक्षा के इंतजाम भी नहीं हैं। कई सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं। कई सड़कें ऐसी भी हैं, जो आरटीओ से पास तक नहीं हैं। उनपर भी वाहन सवारियां ले जा रहे हैं। सड़कों पर सुरक्षा के मद्देनजर पैराफिट भी नहीं बने हैं। दैनिक बस सेवाओं के अभाव कई रूटों पर ओवरलोड वाहन दौड़ रहे हैं। 4 जून 2022 को यमुनोत्री हाईवे पर हादसे में 26 चारधाम यात्रियों की मौत हो गई थी। वहीं एक जुलाई 2018 धूमाकोट में हुए बस हादसा, 50 लोगों की मौत हो गई थी।
सीएम धामी ने रद्द कर दिए हैं सभी कार्यक्रम
पौड़ी में बारात की बस गहरी खाई में गिरने की घटना के बाद सीएम धामी ने अपने बुधवार के सभी कार्यक्रम रद कर दिए हैं। घटना की जानकारी मिलते ही सीएम मंगलवार देर सांय सचिवालय स्थित आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे और वहां उन्होंने अधिकारियों से हादसे की जानकारी ली और राहत बचाव के निर्देश दिए। सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री धामी ने लैंसडाउन विधायक दिलीप रावत से फोन पर बात की और उनसे घटना की जानकारी ली। इसके साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने पौड़ी के जिलाधिकारी से भी फोन पर राहत बचाव की जानकारी ली और कहा कि शासन से हर संभव मदद दी जाएगी। उन्होंने राहत बचाव में किसी भी स्तर पर देरी न होने देने के निर्देश दिए। इससे पहले सीएम धामी ने सचिवालय पहुंचकर उत्तरकाशी में आए एवलांच की घटना की जानकारी ली और राहत बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए।