आज के दौर में हम हर छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दवा का सहारा लेते हैं। जबकि हमारे घर की रसोई में ऐसे बहुत से मसाले हैं, जो हमें छोटी-मोटी बीमारियों जैसे सर्दी, जुकाम और खांसी से राहत देते हैं। इनके अलावा कुछ खतरनाक रोगों से भी हमारा बचाव करते हैं। ये खास मसाले रसोई के स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन में स्वाद का तड़का भी लगाते हैं। इसलिए ये मसाले हमारी रसोई को सेहत का खजाना बनाते हैं। कौन-कौन से मसाले रसोई काे सेहत का खजाना ( spices health benefits ) बनाते हैं, इसके बारे में वेदास क्योर के फाउंडर और डायरेक्टर डॉ. विकास चावला हमें बता रहे हैं।
यहां हैं वे 7 मसाले जिनके प्रयोग से कई रोगों से हमारा बचाव होता है
डॉ. विकास चावला बताते हैं, ‘रसोई में हम अलग-अलग भोजन के लिए अलग-अलग मसाले का प्रयोग करते हैं। दालचीनी, हल्दी, काली मिर्च, अदरक, मेथी, लौंग, जीरा जैसे कई और मसाले हैं, जो पौष्टिकता से भरपूर हैं। आयुर्वेद के अनुसार इनका उपयोग करने से हम कई प्रकार के संक्रमण से बचे रहते हैं।’
1.हल्दी (Turmeric)
हल्दी भारतीय रसोई में पाया जाने वाला एक आम मसाला है। यह वात और कफ दोषों को दूर करने में मदद करती है। इसमें पाया जाने वाला करक्यूमिन नामक तत्व एलर्जी, गठिया, हृदय रोग, अल्जाइमर और मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के लिए लाभदायक होता है। इसमे कैंसररोधी गुण होते हैं, जो कैंसर से बचाव करते हैं।
कैसे करें प्रयोग
दूध में मिलाकर इसका सेवन करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बूस्ट होती है। चुटकी भर हल्दी को एक गिलास दूध में डालें। फिर इसे अच्छी तरह उबाल लें। गुनगुना होने पर इसके सेवन से शरीर के दर्द में काफी राहत मिलती है। यह सर्दी-जुकाम में बहुत लाभदायक है।
2 अदरक (Ginger)
यह भी एक सुलभ और गुणकारी मसाला है। इसका उपयोग हम भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए करते हैं। अदरक वाली चाय वैसे भी भारतीय जीवन का एक अहम हिस्सा है। इसका सेवन स्वाद के साथ-साथ हमारी सेहत को भी बढ़ाता है। ये शरीर को डिटॉक्सीफाई करने का भी काम करती है।
कैसे करें प्रयोग
इन्फ्लुएंजा से पीड़ित लोग 6 मिली अदरक के रस में 6 ग्राम शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार सेवन करें, तो इन्फ्लुएंजा से राहत मिलती है। निमोनिया में भी ये राहत देती है।निमोनिया में अदरक के 5 मिली रस में 1 या 2 वर्ष पुराना घी और कपूर मिलाकर गर्म करके छाती पर हल्की मालिश करने से राहत मिलती है।
3 मेथी(Fenugreek)
मेथी प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है। प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने वाली मेथी साग और मसाले के रूप में इस्तेमाल की जाती है। इसमें हिपेटो-प्रोटेक्टिव गुण होते हैं। यह लीवर के लिए फायदेमंद होता है।
कैसे करें प्रयोग
1-2 ग्राम मेथी दाना (बीज) के चूर्ण का सेवन न्यूरो (तंत्रिका-तंत्र) से जुड़ी समस्याओं में लाभकारी होता है। इससे शरीर में होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है।
दालचीनी
दालचीनी में बहुत सारे औषधीय गुण हैं। यह जीवाणुरोधी, एंटीवायरल और एंटीफंगल है, जो हमें बहुत से संक्रमण से बचाता है। यह एक प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टर है। इसमें पॉलीफेनोल्स और प्रोएंथोसायनिडिन पाये जाते हैं। इसका सेवन दांत व चर्म रोग, सिर दर्द, पाचनतंत्र से जुड़े विकारों से राहत दिलाता है।
आयुष मंत्रालय द्वारा दालचीनी को हर्बल काढ़े के मुख्य घटक के रूप में सुझाया गया है। दालचीनी की चाय भी लाभकारी होती है। इसके अनुचित सेवन से सिर दर्द की समस्या हो सकती है।