ईरान में सत्ता के विरोध में प्रदर्शन ने सत्ता की जड़ें हिलाकर रख दी हैं। यह मामला अब ईरान तक सीमित नहीं है बल्कि वैश्विक स्तर पर गर्म हो चुका है। वहीं ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रसीदी ने बुधवार को इस आंदोलन की निंदा की है। रईसी ने कहा कि जो लोग इन प्रदर्शनों में भाग ले रहे हैं उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘लोगों की सुरक्षा ही इस्लामिक रिपब्लिक की रेड लाइन है। किसी को कानून का उल्लंघन नहीं करने दिया जाएगा।’
बता दें कि पुलिस कस्टडी में महसा अमीनी की मौत के बाद लोग सड़को पर उतरे हैं। कुर्दिश महिला महसा को हिजाब गलत तरीके से पहनने के लिए पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। यहां महिलाएं हिजाब को जबरदस्ती थोपे जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। ईरान के राष्ट्रपति ने इस आंदोलन को लेकर अमेरिका पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, देश के दुश्मन हमारी एकता को खत्म करना चाहते हैं और आपस में लड़ाकर अपने मनसूबों को कामयाब करने में लगे हैं।
दुनियाभर में ईरानी महिलाओं के समर्थन में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। ब्रिटेन में रहने वाली नाजानिन जघारी ने अपने बाल काटकर सोशल मीडिया पर शेयर किया। वहींअमीनी के माता-पिता ने उनकी मौत के मामले में जांच की मांग की है। ईरान में विरोध प्रदर्शनों को दैरान अब तक 76 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ईरान के प्रशासन का कहना है कि अमीनी की मौत किसी अत्याचार की वजह से नहीं बल्कि हार्ट अकैट से हुई थी।
ईरान के विदेश मंत्री अमीर अबदुल्लाहियान ने यूएन की बैठक में कहा कि इस तरह का प्रदर्शन कोई बड़ी बात नहीं है। इसके बाद उन्होंने एक रेडियो चैनल पर कहा कि ईरान में सत्ता परिवर्तन नहीं होने वाला है। ईरान के लोगों की भावनाओं के साथ किसी को नहीं खेलना चाहिए। विदेश मंत्री के इस बयान के बाद जर्मनी और स्पेन ने ईरानी राजदूतों को समन किया है। वहीं कनाडा ने प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। ईरान के दिवंगत शाह के बेटे ने कहा है कि इस्लामिक लीडरशिप को हटाने की कोशिश जरूरी है। रेजा पहलावी के पिता को 1979 में पद से हटा दिया गया था।