खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना का जलस्तर घटने लगा है। बुधवार सुबह करीब छह बजे अधिकतम 206.59 मीटर जाने के बाद जलस्तर शाम पांच बजे घटकर 206.37 पर पहुंच गया है, लेकिन अभी भी यह खतरे के निशान 205.33 से ज्यादा है। यमुना का जलस्तर घटने की शुरुआत होने के बाद भी डूब क्षेत्र में रहने वाले बाढ़ प्रभावितों की मुश्किल कम नहीं हुई है। वह अब भी सड़कों के किनारे रह रहे हैं। खतरे के निशान से नीचे जलस्तर होने के बाद ही उन्हें डूब क्षेत्र में जाने की अनुमति मिलेगी। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुताबिक, जलस्तर धीरे-धीरे कम होने लगा है। बुधवार से हथिनी कुंड में एक साथ ज्यादा पानी नहीं छोड़ा गया है।
गोताखोरों की टीम निगरानी कर रही
विभाग का पूर्वानुमान है कि गुरुवार सुबह तक यमुना खतरे के निशान से नीचे आ जाएगी। अभी भी यमुना के डूब क्षेत्र में सभी जगह पानी भर गया है। पूरे डूब क्षेत्र से करीब 7000 से अधिक लोगों को बाहर निकालकर सड़कों के किनारे टेंट में बसाया गया है। गोताखोरों की टीम अभी यमुना डूब क्षेत्र में निगरानी कर रही है, जिससे लोग यमुना की तरफ ना जा सकें।
लोगों पर दोहरी मार
यमुना का जलस्तर बढ़ने से डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों पर दोहरी मार पड़ी है। पहला यमुना खादर में मौसमी सब्जियों, फूलों की खेती जलस्तर बढ़ने से खराब हुई है। दूसरा डूब क्षेत्र से बाहर आने के बाद खुले आसामान के नीचे रहना पड़ रहा है। उनका आरोप है कि अबतक प्रशासन की ओर से ना तो रहने के लिए टेंट, ना ही भोजन की व्यवस्था की गई है। लोग खुद तिरपाल के जरिए टेंट बनाकर रह रहे हैं। कुछ लोग डूब क्षेत्र से निकलकर आरआरटीएस लाइन के लिए बने ट्रैक लाइन में रह रहे हैं।
लोनी किसानों के चेहरों से मायूसी घटी
यमुना का जलस्तर लगातार घट रहा है, जिससे किसानों के चेहरों पर छाई मायूसी कुछ कम हुई है, लेकिन उनकी फसल बर्बाद हो गई हैं। चारे की फसल में यमुना का रेतीला पानी भरने के कारण वह खाने योग्य नहीं है और खेत में पानी भरा होने के कारण उसे काटा भी नहीं जा सकता। इसके कारण पशुओं को हरे चारे की कमी हो गई है। जलस्तर कम होने के बाद भी खेतों में पानी भरा हुआ है। सब्जी व धान की फसलें बर्बाद हो गई हैं।
चार ट्रेन रद्द
पहाड़ी और तटीय क्षेत्रों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। बुधवार को दिल्ली-सहारनपुर वाया शामली रेलमार्ग पर संचालित होने वाली चार ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दिल्ली-सहारनपुर वाया शामली रेलमार्ग पर दिल्ली से सहारनपुर की ओर जाने वाली चार ट्रेन बुधवार को रद्द रही।