दिल्ली में यमुना नदी के तटवर्ती निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को निकालने के लिए ‘अलर्ट’ घोषित किया गया है और यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर 206.18 मीटर तक पहुंच गया है, जो ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश के बाद इस साल जलस्तर में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि है।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि पूर्वी दिल्ली के जिलाधिकारी अनिल बंका ने कहा कि जलस्तर के 206 मीटर के स्तर को पार करने के बाद मंगलवार सुबह लोगों को निकालने के लिए ‘अलर्ट’ जारी किया गया।
उन्होंने कहा कि नदी के तटवर्ती निचले इलाकों को खाली कराया जा रहा है और लोगों को ऊंचाई वाले स्थानों पर भेजा जा रहा है। सरकारी स्कूलों और आसपास के इलाकों में रैन बसेरों में उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है। बंका ने कहा कि जलस्तर में और वृद्धि की आशंका के मद्देनजर लोगों को सावधान करने के लिए घोषणाएं की जा रही हैं।
दिल्ली में नदी के निकटवर्ती निचले इलाकों को बाढ़ संभावित क्षेत्र माना जाता है, जहां लगभग 37,000 लोग रहते हैं। दो महीने के भीतर यह दूसरी बार है जब अधिकारियों ने बाढ़ जैसे हालात के कारण निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पहुंचाया है।
यमुना नदी में जलस्तर 12 अगस्त को खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर पहुंच गया था, जिसके बाद तटवर्ती निचले इलाकों से करीब 7,000 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पहुंचाया गया था। 13 अगस्त को जलस्तर 205.99 मीटर पहुंच गया था और इसके बाद यह घटने लगा था।
दिल्ली बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने कहा कि पुरानी दिल्ली रेलवे पुल पर जलस्तर मंगलवार सुबह पौने छह बजे 206 मीटर को पार कर गया। सुबह नो बजे तक नदी में जलस्तर बढ़कर 206.18 मीटर हो गया। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के पूर्वानुमान के अनुसार, दिन में तीन बजे से शाम पांच बजे के बीच जलस्तर बढ़कर 206.5 मीटर हो सकता है। अधिकारियों ने हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से सुबह सात बजे लगभग 96,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना दी। एक क्यूसेक 28.32 लीट प्रति सेकंड के बराबर होता है।
बैराज से छोड़े गए पानी को राजधानी दिल्ली तक पहुंचने में आमतौर पर दो से तीन दिन लगते हैं। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तरी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है। दिल्ली में भी 21 सितंबर से चार दिन तक बारिश हुई।
दिल्ली से सटे इलाकों में भी असर
वहीं, हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के चलते यमुना का जलस्तर बढ़ने से गाजियाबाद के लोनी यमुना खादर के डूब क्षेत्र में बोई गई हजारों एकड़ फसल पानी में डूब गई है।
इसी तरह, दिल्ली से सटे फरीदाबाद में यमुना किनारे बसी बसंतपुर कॉलोनी में भी यमुना का पानी घुस गया है। इसके चलते लोग घर खाली करने लगे हैं। हालांकि, जिला प्रशासन की तरफ से अभी किसी प्रकार का राहत कार्य शुरू नहीं किया गया है।