दिल्ली में पिछले तीन दिनों से रुक-रुककर बारिश का सिलसिला जारी है। यह समय आमतौर पर मानसून की विदाई का होता है लेकिन जिस तरह से बादल बरस रहे हैं उससे मानसून की शुरुआत जैसा लग रहा है। सड़कों पर जगह-जगह जलभराव के कारण जाम दिख रहा है। मुख्य मार्गों के अलावा बाजारों और कॉलोनियों में भी बुरा हाल रहा। दरअसल, राजधानी में सितंबर के आखिर में हो रही बारिश मौसम के दो दुर्लभ सिस्टम में टकराव का नतीजा है। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली से 250 किलोमीटर दूर पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिण पश्चिम में कम दबाव प्रणाली के कारण ऐसा हो रहा है। यह मौसमी घटना लंबी खींच सकती है।
अरब सागर से आ रही नमी भी बन रही कारण
आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामनी के अनुसार उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव अधिक है जो दिल्ली से महज 250 किलोमीटर दूर है। अरब सागर से आ रही नमी और तेज चक्रवात के कारण भी मौसम का मिजाज बदला हुआ है। मध्य प्रदेश में शनिवार तक हल्की बारिश होने की संभावना है।
मानूसन की वापसी में देरी तय
दिल्ली में बुधवार को 5.6 मिलीमीटर और शाम साढ़े पांच बजे तक कुल 31.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। दिल्ली से मानसून की वापसी 25 सितंबर को तय थी, जिसमें अब देरी संभव है। सप्ताह के अंत तक बारिश हो सकती है।
1951 के बाद 21 सितंबर सबसे ठंडा दिन
दिल्ली का औसत अधिकतम तापमान 21 सितंबर को 32.3 डिग्री सेल्सियस था। ये 1951 से 1980 के औसत अधिकतम तापमान की तुलना में 2.1 डिग्री सेल्सियस कम था। 1951 के बाद लगातार तीसरे सप्ताह सातवीं बार तापमान का स्तर सबसे कम रहा है। आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में बारिश से पारा लुढ़का है। सितंबर के पहले सप्ताह में औसत तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस था। 1951 के बाद सातवीं बार सितंबर का पहला सप्ताह इतना गर्म रहा है।
दो दिन की बारिश ने अबतक का आधा कोटा पूरा किया
दिल्ली में सितंबर में हुई आधी से अधिक बारिश शुक्रवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक महज 24 घंटों में दर्ज की गई। इससे इस महीने बारिश की कमी की स्थिति अब अत्यधिक बारिश में बदल रही है। सफदरजंग वेधशाला ने एक सितंबर से 22 सितंबर (गुरुवार सुबह) तक सामान्य 108.5 मिलीमीटर बारिश की तुलना में 58.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की थी। सफदरजंग वेधशाला दिल्ली का प्रमुख मौसम स्टेशन है। शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में 72 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। 1 से 23 सितंबर तक दिल्ली में 130.5 मिलीमीटर बारिश हुई। सामान्यत दिल्ली में सितंबर में 125.5 मिलीमीटर बारिश होती है।
मौसम केंद्र ने पश्चिमी विक्षोभ और निम्न दबाव क्षेत्र को भारी बारिश का कारण बताया है। राष्ट्रीय राजधानी में इस मानसून के दौरान केवल दो बार भारी बारिश दर्ज की। एक जुलाई को 117.2 मिलीमीटर बारिश हुई थी। पिछले दो दिनों से जारी लगातार बारिश से मानसून के मौसम में कुल वर्षा की कमी नीचे आ गई है। दिल्ली में शुक्रवार सुबह तक कुल वर्षा में कमी 35 प्रतिशत (22 सितंबर तक) से घटकर 23 प्रतिशत रह गई। सितंबर के आखिर तक मानसून की वापसी से पहले अभी और बारिश की संभावना है।