दिल्ली के सीमापुरी इलाके में मंगलवार देर रात करीब 1.45 बजे एक तेज रफ्तार ट्रक ने डिवाइडर पर सो रहे छह लोगों को कुचल दिया। हादसे में चार लोगों की मौत हो गई। वहीं, घायलों को जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर चालक को यूपी के शामली से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उपायुक्त आर. सत्यसुंदरम ने कहा कि हादसे का शिकार हुए ज्यादातर लोग सड़क पर कबाड़ बीनने का काम करते थे।
देर रात कूड़ा बीनने के बाद सभी फुटपाथ या डिवाइडर पर सो जाते थे। मंगलवार देर रात सीमापुरी बस डिपो के पास नौ लोग सड़क के बीच बने डिवाइडर पर सो रहे थे। तभी अप्सरा बॉर्डर-पुरानी सीमापुरी की ओर से आ रहे एक आयशर कैंटर ट्रक के चालक ने लाल बत्ती पार करते ही संतुलन खो दिया और ट्रक डिवाइडर पर सो रहे लोगों पर चढ़ा दिया। इसके बाद चालक ट्रक से लोगों को कुचलते हुए बिजली खंभा तोड़ कर डीएलएफ-भोपुरा की ओर भाग गया। हादसे में वहां सो रहे छह लोग ट्रक की चपेट में आ गए। तीन लोग बाल-बाल बच गए।
दो ने मौके पर ही दम तोड़ा रात 1.51 बजे वहां मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद एंबुलेंस पहुंची। तब तक दो लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जीटीबी अस्पताल ले जाते वक्त एक और ने दम तोड़ दिया। एक की इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतकों की पहचान सीमापुरी ई ब्लॉक झुग्गी निवासी 52 वर्षीय करीम, 28 वर्षीय छोटे खान, 50 वर्षीय शाह आलम और शालीमार गार्डन साहिबाबाद, यूपी निवासी 45 वर्षीय राहुल के तौर पर हुई है। दो घायलों 16 वर्षीय मनीष और 30 वर्षीय प्रदीप का उपचार किया जा रहा है।
एक ही परिवार के दो लोग शामिल
सीमापुरी में मंगलवार देर रात हुए हादसे में मारे गए लोगों में से तीन अपने परिवार के साथ सीमापुरी ई-ब्लॉक की झुग्गियों में रहते थे। उनके मरने की खबर जब ई-ब्लॉक की झुग्गियों में पहुंची तो वहां कोहराम मच गया। मरने वाले लोगों में एक ही परिवार के दो लोग शामिल हैं। शाह आलम और करीम आपस में रिश्ते के जीजा-साले थे।
पहली बार फुटपाथ पर आए थे सोने
परिजनों ने बताया कि शाह आलम और करीम रोज अपने घर पर ही सोते थे। लेकिन मंगलवार को पता नहीं क्या हुआ काम के बाद बातचीत करते हुए वे वहीं सो गए और हादसे का शिकार हो गए। शाह आलम के परिवार में चार बेटियां हैं। दो की शादी हो चुकी है, जबकि तीसरी के लिए वह लड़का ढूंढ़ रहे थे। परिवार का कहना है कि अब उनके घर और बेटियों की शादी के खर्च की चिंता हो रही है। शाह आलम के साले सलीम मलिक ने बताया कि कई दशकों पूर्व परिवार काम की तलाश में दिल्ली आया था।
शाह आलम के परिवार में मां सलीहा, पत्नी हाफिजा के अलावा दो शादीशुदा और दो अविवाहित बेटियां हैं। घर का खर्च चलाने के लिए शाह आलम कबाड़ इकट्ठा करने का काम करता था। वह अपनी बेटी की शादी के लिए लड़का देख रहा था। उसने अपने कई रिश्तेदारों को शादी कराने के लिए मदद करने के लिए बोला हुआ था। रिश्ते का साला करीम भी घर के पास ही रहता था। इसके परिवार में पत्नी दो बेटी और चार बेटे हैं।
ई-ब्लॉक की झुग्गियों में ही छोटे खान अपने परिवार के साथ रहता था। इसके परिवार में मां अफरोज, पिता शिराज खान, भाई मुमताज और अन्य लोग हैं। पांच साल पहले छोटे खान की पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी। दोनों के बीच तलाक हो गया था। जिसके बाद से ही छोटे खान अक्सर बाहर ही सो जाया करता था। परिजनों ने बताया कि कई-कई दिन घर न आने पर छोटे खान का भाई उसे बुलाकर घर लाता था।
यूपी से रोज कबाड़ लेने आता था राहुल
राहुल का परिवार विक्रम एन्क्लेव, शालीमार गार्डन, साहिबाबाद, यूपी में रहता है। इसके परिवार में बूढ़ी मां, भाई और बहन हैं। वह परिवार में सबसे बड़ा था और बहन की शादी के लिए पैसे जमा करने के लिए रोज दिल्ली आकर कबाड़ जमा करता था। राहुल, शाह आलम और बाकी लोगों के साथ कबाड़ का काम करता था। काम करते करते देर हो जाने पर वह घर जाने के बदले छोटे खान के साथ ही सो जाता था। हादसे के शिकार हुए सभी लोग एक दूसरे को पहले से जानते थे। घायल मनीष गगन विहार, तुलसी निकेतन, साहिबाबाद और प्रदीप ताहिरपुर दिल्ली में रहता है।