मनुष्यों में कई बीमारियां जानवरों से होकर फैलती हैं। ज़्यादातर वायरस पशुओं से होकर मानव शरीर में प्रवेश करते हैं, जैसे स्वाइन फ्लू या चिकन पॉक्स। पशुओं से मनुष्यों में आने वाली बीमारियों को जूनोटिक डिजीज कहा जाता है। समय-समय पर ऐसी बीमारियां फैलती रहती हैं। इन दिनों में गाय में लम्पी स्किन डिजीज फैलने के मामले सामने आ रहे हैं। पर क्या ये बीमारी भी जूनोटिक डिजीज है? क्या इस दौरान सुरक्षित है डेयरी उत्पादों का सेवन करना? आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
आजकल भारत में लम्पी वायरस पशुओं को तेज़ी से अपनी चपेट में ले रहा है। लम्पी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) ने राजस्थान के कई पशुओं को प्रभावित किया है। कुल 11 लाख से ज़्यादा गाय इससे प्रभावित हैं और 51000 की मृत्यु हो चुकी है।
इसके अलावा महाराष्ट्र में भी लम्पी वायरस से अब तक 126 मवेशियों (Cattle) की मौत हो चुकी है। राज्य के पशुपालन विभाग की ओर से शनिवार को दी गई जानकारी के अनुसार, वहां इससे 25 जिले संक्रमित हो चुके हैं।
सरकार के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार लम्पी वायरस तेजी से फैल रहा है। ऐसे में ये जानना बहुत ज़रूरी है कि क्या यह गायों से मनुष्यों को प्रभावित कर सकती है? साथ ही, यह भी जानना ज़रूरी है कि यदि गायों को यह बीमारी हो रही है, तो डेरी उत्पादों का उपयोग करना कितना सही है।
क्या है लम्पी डिजीज?
यह एक वायरल इन्फेक्शन (Viral Infection) है, जो पशुओं को प्रभावित करता है। लम्पी स्किन डीजीज, वायरस के कारण होती है। यह रक्त-पोषक कीड़ों, जैसे मक्खियों और मच्छरों की कुछ प्रजातियों या टिक्स द्वारा प्रेषित होता है जो कि बुखार का कारण बनता है।
लम्पी डिजीज की वजह से क्या पनीर खाना सही है। चित्र: शटरस्टॉक
इससे उनकी त्वचा पर गांठें या फफोले पड़ सकते हैं। अगर स्थिति गंभीर हो जाए तो मृत्यु भी हो सकती है। खासकर उन जानवरों में जो पहले वायरस के संपर्क में नहीं आए हैं। इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए पशुओं का टीकाकरण करवाया जा सकता है।
यूरोपियन फूड सेफ्टी अथॉरिटी (EFSA) के अनुसार, लम्पी स्किन डिसीज से बुखार आता है और त्वचा पर गांठें पड़ जाती हैं।
तो क्या लम्पी स्किन डिजीज जानवरों से इंसानों में फैल सकती है?
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, यह रोग अधिकांश अफ्रीकी देशों में पहले से ही है। 2012 से यह मध्य और दक्षिण पूर्व यूरोप और एशिया में फैल रहा है। एशिया में लम्पी स्किन डीजीज 2019 से मवेशियों को संक्रमित कर रही है।
क्या इंसान भी संक्रमित हो सकते हैं? इंसान लम्पी स्किन डीजीज पैदा करने वाले वायरस से संक्रमित हो सकता है या नहीं यह सबसे बड़ा सवाल है। विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH) ने एक बयान में कहा कि लम्पी स्किन डीजीज की मृत्यु दर 1 से 5 प्रतिशत है। मगर, यह रोग जूनोटिक (Zoonotic) नहीं है। जिसका मतलब है कि यह जानवरों से मनुष्यों में नहीं फैलता है, और मनुष्य इससे संक्रमित नहीं हो सकते हैं।
तो क्या संक्रमित पशुओं के दूध या पनीर का सेवन करना सुरक्षित है?
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार दूध उबालने के बाद या बिना उबाले दूध की गुणवत्ता में कोई समस्या नहीं है। आप किसी भी डेरी उत्पाद का सेवन कर सकती हैं। ऐसे में संक्रमित मवेशियों के दूध का सेवन करना सुरक्षित है।
मगर फिर भी हमारा आपसे आग्रह है कि दूध उबालकर ही पिएं। यदि आप दूध – दही या पनीर खाने की कोशिश कर रही हैं, तो भी बेफिक्र रहिए। लम्पी वायरस की चपेट में आए किसी भी पशु के कोई भी डेरी उत्पाद खाये जा सकते हैं। मगर, खाना पका कर ही खाएं।
आप चाहें तो प्लांट बेस्ड पनीर (Plant Based Paneer) के विकल्प पर भी गौर कर सकती हैं। डेयरी अथवा संक्रमित पशु के संपर्क में आने के दौरान हाइजीन का खास ख्याल रखें और हैंड सेनिटाइज़र का इस्तेमाल करें। आप चाहें तो हाथों पर ग्लव्स भी पहन सकती हैं।