लखीमपुर खीरी के निघासन थाना क्षेत्र में दो दलित बहनों की दुराचार के बाद हत्या के मामले में जेल में बंद चार आरोपियों की 14 घंटे की पुलिस रिमांड अदालत से मंजूर हुई है। मामले की विवेचना कर रही एसआईटी आरोपियों को बुधवार सुबह जिला कारागार से अपनी अभिरक्षा में लेगी और उसे रात नौ बजे तक आरोपियों को जेल में दाखिल करना होगा। इसके अलावा विवेचना के बाद एसआईटी ने इस केस में गैंगरेप और अपहरण की धाराएं और बढ़ा दी हैं।
निघासन थाना क्षेत्र के एक गांव में 14 सितम्बर को दो दलित बहनों के शव एक पेड़ से लटके हुए पाए गए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों की रेप के बाद हत्या किए जाने की पुष्टि हुई। पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सभी आरोपी जेल में हैं। सोमवार को विवेचक ने पाक्सो कोर्ट के एडीजे मोहन कुमार की अदालत में अर्जी देते हुए मामले के चार आरोपियों छोटू उर्फ सुनील, जुनैद, सुहैल और हफीजुर हमान की 72 घंटे के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग की थी।
विशेष लोक अभियोजक बृजेश पांडे ने बताया कि अभियोजन की इस अर्जी पर कोर्ट ने आरोपियों को मंगलवार को जेल से तलब किया। अभियोजन और आरोपियों को सुनने के बाद अभियोजन की पुलिस कस्टडी रिमांड अर्जी मंजूर कर ली। कोर्ट ने आरोपियों को 14 घंटे के लिए पुलिस अभिरक्षा में देने का आदेश दिया है।
इसके साथ ही कोर्ट ने शर्त लगाई है कि एसआईटी आरोपियों को अपनी कस्टडी में लेने के बाद उनका मेडिकल परीक्षण कराएगी और आरोपियों को वापस जेल में दाखिल करने से पहले भी मेडिकल परीक्षण कराएगी। इस दौरान उनका वकील भी उचित दूरी पर रह सकता है। विशेष लोक अभियोजक बृजेश पांडे ने बताया कि एसआईटी ने इन चार आरोपियों के खिलाफ अपहरण और गैंगरेप की धारा बढ़ाने की अर्जी कोर्ट में दी थी, जिस पर एडीजे मोहन कुमार ने चारों आरोपियों के रिमांड शीट पर ये दोनों धाराएं बढ़ाने का आदेश दे दिया।