सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को लेकर एक बार फिर चर्चाएं तेज हो गईं। दरअसल, मंगलवार शाम ओमप्रकाश राजभर अपने बेटे के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद ओमप्रकाश राजभर की भाजपा के साथ वापसी को लेकर चर्चांए शुरू हो गईं। राजभर का अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा तो दूसरी तरफ योगी के साथ मुलाकात। ऐसे में सवाल उठता है कि राजभर क्या फिर से बीजेपी से हाथ मिलाएंगे?
वहीं ओम प्रकाश राजभर का कहना है कि मंगलवार को उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेशों पर अमल कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। उच्च न्यायालय के आदेश का पालन कराने संबंधी पत्र दिया। राजभर ने बताया है कि मुख्यमंत्री ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से लिया। तत्काल इस मामले में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने का निर्देश समाज कल्याण विभाग को दिया है।
राजभर के मुताबिक उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने यह आदेश 11 मार्च 2022 को दिया था। जिसमें राजभर जाति को एसटी में सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया है कि राजभर जाति महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में एसटी में सूचीबद्ध हैं। राज्य की अष्टम विधानसभा की याचिका समिति द्वारा भी इसकी सिफारिश की गई है। गौरतलब है कि राजभर बिरादरी उत्तर प्रदेश में अभी पिछड़ी जाति में सूचीबद्ध है।
बिहार में अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा को मजबूत कर रहे राजभर
राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अघोषित रूप से भाजपा के साथ घुलमिल चुके सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर इन दिनों बिहार में सक्रिय हैं। वह बिहार सरकार पर जातिवार जनगणना कराने का दबाव रैलियों के माध्यम से बनाते हुए अति पिछड़ों में पैठ बनाने की कोशिश में हैं। राजभर की बिहार में सक्रियता के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि उनका बिहार अभियान अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा को मजबूत करने के लिए है।