बवाना थाना पुलिस ने नीरज बवाना गिरोह के एक बदमाश को गिरफ्तार कर हथियारों का जखीरा बरामद किया है। पुलिस ने बवाना के एक परिसर में छापेमारी कर तीन पिस्तौल और 79 गोलियां बरामद कीं, जो एक बुलेटप्रूफ एसयूवी समेत दो वाहनों में रखी गई थीं। गिरफ्तार आरोपी सचिन ने बताया कि इन हथियारों से गैंगवार की बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी थी।
डीसीपी देवेश मेहला ने बताया कि 12 सितंबर को विजय नगर कॉलोनी के बी ब्लॉक स्थित एक आवासीय परिसर में नीरज बवाना गैंग से जुड़ी आपराधिक गतिविधियों के संचालित होने की सूचना मिली थी। एसीपी बवाना मनीष लाडला की देखरेख में एसएचओ राकेश यादव और इंस्पेक्टर ओमबीर डबास की टीम ने संबंधित घर में छापा मारा तो वहां कट्टे के साथ बवाना गैंग का बदमाश सचिन पकड़ा गया। सचिन ने बताया कि परिसर में दो वाहन खड़े हैं, जिनमें हथियार भरे पड़े हैं। इन हथियारों को गैंगवार के लिए रखा गया है। पुलिस ने दोनों वाहनों और उनमें रखे हथियार जब्त कर लिए।
पिता पर हमले के बाद खरीदी थी बुलेटप्रूफ कार
पुलिस जांच में पता चला कि गैंगस्टर गोगी की रोहिणी कोर्ट में हत्या के बाद टिल्लू गिरोह से जुड़े चार बदमाशों की हत्या कर दी गई। इसका बदला लेने के लिए इस साल नौ मई को खेड़ा गांव में कुख्यात बदमाश कपिल मान के पिता ब्रह्मप्रकाश की हत्या कर दी गई। इसके पीछे टिल्लू गिरोह का हाथ होने की बात सामने आई थी। कपिल मान गोगी गिरोह से जुड़ा होने की वजह से टिल्लू-नीरज बवाना गैंग के निशाने पर था। वहीं, आउटर नॉर्थ पुलिस ने कुछ समय पहले नीरज बवाना के पिता की हत्या की साजिश रचे जाने का खुलासा किया था। पिता पर खतरे को देखते हुए नीरज बवाना ने बुलेटप्रूफ वाहन खरीदा था।
रिश्तेदार से खरीदा था वाहन
बरामद बुलेटप्रूफ वाहन नीरज बवाना के पिता प्रेम सिंह के नाम पर दर्ज है। पहले यह वाहन नांगल ठाकरान निवासी नीरज ठाकरान की पत्नी सतवीरी के नाम पर पंजीकृत था। नीरज ठाकरान और नीरज बवाना नजदीकी रिश्तेदार हैं। ठाकरान काफी समय से फरार है। जांच में यह भी पता चला कि बुलेटप्रूफ वाहन का इस्तेमाल जनवरी तक अलीपुर निवासी प्रमोद बजाड़ करता था। लेकिन, इस साल जनवरी में हिरंकी गांव में गोगी गैंग के बदमाशों ने टिल्लू गिरोह से जुड़े बजाड़ को गोलियों से भून डाला था। वहीं, दूसरी कार नीरज बवाना की पत्नी आरती के नाम पर पंजीकृत है।
बीटीसी-सीटेट उत्तीर्ण कर गैंग में शामिल हुआ
पुलिस ने नीरज बवाना गैंग के जिस बदमाश सचिन को गिरफ्तार किया है वह पहले शिक्षक बनना चाहता था। सचिन ने बीबीए के बाद बीटीसी की पढ़ाई की। उसने सीटेट भी पास कर लिया था। लेकिन, इसी बीच परिजनों से विवाद होने पर उसने घर छोड़ दिया। वह सोशल साइट के जरिए नीरज बवाना के संपर्क में आया। वह नीरज बवाना के पोस्ट से बेहद प्रभावित था। सचिन नीरज के घर गया, जहां से कुछ लोग उसे विजय नगर कॉलोनी स्थित इस घर पर छोड़कर चले गए। आरोपी ने बताया कि इस घर पर नीरज गिरोह के लोग अक्सर आते-जाते थे।