पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने उम्मीद जताई है कि उनका देश फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर हो जाएगा। भुट्टो शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए समरकंद में मौजूद थे। एएनआई से बात करते हुए, बिलावल भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद और चरमपंथ से लड़ना चाहता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद से इसलिए लड़ना नहीं चाहता है क्योंकि उसे एफएटीएफ लिस्टिंग से बाहर निकला है या अंतरराष्ट्रीय समुदाय का प्रेशर है, बल्कि उनके देश के लोगों की भी यही प्राथमिकता है।
बिलावल भुट्टो जरदारी ने बताया, “हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान एफएटीएफ सूची से बाहर हो जाएगा। हम आतंकवाद से निपटना चाहते हैं। यह हमारी प्राथमिकता एफएटीएफ की वजह से नहीं बल्कि पाकिस्तान के लोगों के लिए और हमारे अपने संकल्प के लिए भी है।” पाकिस्तान 2018 से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ग्रे लिस्ट में है। आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग के चलते पाकिस्तान के रिकॉर्ड की FATF द्वारा निरंतर जांच की जा रही है।
भारत से मदद नहीं मांगी- भुट्टो
पाकिस्तान इस समय भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। देश में करोड़ों लोग इससे प्रभावित हुए हैं। हालांकि देश में बाढ़ की स्थिति पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि उनके देश ने भारत से मदद नहीं मांगी है। उन्होंने कहा, “हमने भारत से मदद नहीं मांगी है। हम अपने लोगों की मदद कर रहे हैं और कई लोग पाकिस्तान की मदद के लिए आगे आए हैं। राहत और बचाव अभियान जारी है।”
अगले एससीओ सम्मेलन में पाकिस्तान की भागीदारी पर अभी कोई निर्णय नहीं
उज्बेकिस्तान ने शुक्रवार को यहां आठ सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अध्यक्षता भारत को सौंपी। भारत 2023 के लिए एससीओ की अध्यक्षता करेगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने शुक्रवार को कहा कि 2023 में भारत की अध्यक्षता में होने वाले अगले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में इस्लामाबाद की भागीदारी के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इस साल उज्बेकिस्तान की अध्यक्षता में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए समरकंद में मौजूद भुट्टो ने कहा, “अगले एससीओ शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान की भागीदारी पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।”