फरीदाबाद की स्मार्ट सिटी में एक हजार से अधिक अवैध निर्माण तोड़े जाएंगे। अदालत के आदेश पर नगर निगम ने करीब एक हजार अवैध निर्माण की पहचान कर ली है। अब इनको तोड़ने की तैयारी की जा रही है। वहीं, प्रदेश सरकार ने भी अवैध निर्माण की रिपोर्ट निगम से मांगी है। शहर के सभी पांचों जोन में कार्यकारी अभियंताओं के नेतृत्व में टीम गठित की गई है, जो अपने जोन के अवैध निर्माण की रिपोर्ट तैयार करने में जुटे हैं।
रिपोर्ट वार्ड स्तर पर तैयार करके आयुक्त कार्यालय में जाएगी। सूत्रों के मुताबिक अधिकांश अवैध निर्माण एनआईटी इलाके में हैं। एनएच इलाकों में लोगों ने अपने घरों के बाहर ही अवैध कब्जे और निर्माण किए हुए है। इन सभी को हटाने के लिए अदालत ने आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता केएल गेरा ने बताया कि एनएच इलाकों में अवैध निर्माणों को हटाने के आदेश अदालत कई याचिकाओं पर दे चुकी है। अवैध निर्माण नहीं तोड़ने पर अब आयुक्त पर कार्रवाई होगी।
नगर निगम की लापरवाही के चलते अतिक्रमण पर अंकुश नहीं लग रहा है। करीब सत्तर फीसदी शहर बिना नक्शे के ही बसा है। नक्शा पास करके केवल सेक्टरों में मकान बने हैं। जबकि एनएच इलाके और कॉलोनियों में लोगों ने अपनी मर्जी से मकानों का निर्माण किया है। अब इनके खिलाफ नगर निगम की ओर से तोड़फोड़ करने की कार्रवाई की जाएगी।
अतिरिक्त निगमायुक्त इंद्रजीत ने कहा, ‘नगर निगम आयुक्त ने इंजीनियरिंग शाखा को अदालत के आदेश पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। करीब एक हजार अवैध निर्माण की पहचान की गई है। जल्द ही इन पर कार्रवाई की जाएगी।’
रास्तों पर कब्जे की शिकायत कर रहे लोग
फरीदाबाद 311 एप पर भी 20 फीसदी से अधिक शिकायत अवैध निर्माण और अतिक्रमण की है। बीते तीन महीनों में आई करीब 10 हजार शिकायतों में से करीब दो हजार अर्थात बीस फीसदी शिकायत अवैध निर्माण और अतिक्रमण से संबंधित लोगों ने की है। लोग अपने इलाकों में हो रहे अवैध निर्माणों और अतिक्रमण की शिकायतें कर रहे हैं। अधिकांश शिकायतें एनएच इलाकों और सेक्टरों से मिल रही हैं। लोगों ने रास्तों पर अतिक्रमण कर लिया है। जिससे लोगों की आवाजाही बाधित होती है।
अरावली में होगी इसी महीने तोड़फोड़
नगर निगम के संयुक्तायुक्त गौरव अंतिल ने बताया कि अरावली श्रृंखलाओं के बीच बसी बस्तियों और अवैध रूप से बनाए गए फार्म हाउस भी इसी महीने तोड़ने की तैयारी है। इसके लिए अवैध निर्माण की पहचान कर ली गई है। इसके अलावा जमाई कॉलोनी में नोटिस दे दिए गए हैं। यहां रहने वाले लोग अपना सामान धीरे-धीरे समेटने लगे हैं। उन्होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अध्ययन राज्य सरकार स्तर पर किया जा रहा है। अदालती आदेश का पालन किया जाएगा।
नियमों को ताक पर रखकर हो रहे निर्माण
याचिकाकर्ता के मुताबिक नियमों का ताक पर रखकर निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। कई स्थानों पर नक्शे भी पास नहीं कराए गए हैं। जो नंबर आरटीआई से मिले हैं, उनके नक्शे पास नहीं हैं। नगर निगम के अधिकारी अवैध निर्माण पर सीलिंग की कार्रवाई करते हैं और कुछ दिन बाद सीलिंग खोलकर काम फिर से शुरू हो जाता है। नगर निगम की ओर से ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।