राजस्थान के कोटा स्थित नयापुरा थाने में गुरुवार देर शाम को एक युवक ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। लेकिन मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने समय रहते उसे बचा लिया और तत्काल एमबीएस अस्पताल में उपचार के लिए भेजा। चिकित्सकों के मुताबिक युवक 40 से 45% तक जल चुका है। वहीं शुरुआती जांच और पुलिस से मिली जानकारी में सामने आया कि स्थानीय पार्षद हरिओम सुमन से पीड़ित राधेश्याम का विवाद चल रहा था। जिसके बाद उसने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए थाना परिसर में खुद को आग लगा ली।
व्हाट्सएप पर टिप्पणी को लेकर हुआ विवाद शुरू
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी में सामने आया कि पीड़ित राधेश्याम एक फरियाद लेकर स्थानीय कांग्रेस पार्षद हरिओम सुमन के पास गया था। इस दौरान दोनों के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई। जिसके बाद राधेश्याम ने व्हाट्सएप पर कांग्रेस पार्षद को लेकर कोई टिप्पणी कर दी। वहीं कांग्रेस पार्षद ने इसकी शिकायत नयापुरा थाने में दी। इस दौरान राधेश्याम ने भी कांग्रेस पार्षद पर मारपीट का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत दी थी।
पहले से ही कपड़ों पर लगा कर आया था पेट्रोल
पुलिस ने इस पूरे मामले में जानकारी देते हुए बताया कि थाना परिसर में जो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं उनको चेक किया गया तो सामने आया कि युवक ने थाने के अंदर घुसते ही खुद को आग लगा ली थी। सीसीटीवी में उसके पास पेट्रोल की बोतल या अन्य सामान नजर नहीं आया। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि वह पहले से ही अपने कपड़ों पर पेट्रोल लगा कर आया था और आते ही उसने आग लगा ली। जिससे उसका शरीर का 40 से 45% हिस्सा जल गया।
पुलिस पर लगा एकतरफा कार्रवाई का आरोप
पीड़ित परिवार के सदस्यों का कहना है कि शिकायत के बाद भी नयापुरा पुलिस ने पार्षद हरिओम के खिलाफ कार्रवाई ना कर पीड़ित राधेश्याम के खिलाफ कार्रवाई कर दी। जिससे नाराज होकर राधेश्याम ने खुद को आग लगा ली। परिवार का यह भी कहना है कि कांग्रेस पार्षद हरिओम सुमन ने राधेश्याम के साथ मारपीट कर उसकी पत्नी को अपशब्द भी बोले थे। उसके बाद भी पुलिस ने एक तरफा कार्रवाई की और कांग्रेस पार्षद को बचा लिया। जिससे राधेश्याम काफी नाराज होने लगा। वहीं पुलिस पूरे मामले से बचती हुई भी नजर आ रही है।
मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने दिखाई हिम्मत
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जैसे ही राधेश्याम ने खुद को आग लगाई तो वहां मौजूद कॉन्स्टेबल श्यामसुंदर और परमेश्वर ने तत्काल ही बिना समय गवाएं राधेश्याम को आग से बचाने की कोशिश शुरू कर दी। इस दौरान उसके ऊपर कंबल और अन्य कपड़े डाले गए और आग को बुझाया गया प्रत्यकदर्शियों का कहना है कि अगर दोनों कॉन्स्टेबल समय रहते आग नहीं बुझाते तो राधेश्याम का पूरा शरीर जल जाता और उसको बचाना मुश्किल हो जाता। हालांकि चिकित्सकों के मुताबिक अभी उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।