सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर को झटके पर झटका लग रहा है। सपा से गठबंधन तोड़ने के बाद से उनकी पार्टी में भगदड़ सी मची है। लगातार पदाधिकारियों से लेकर आम कार्यकर्ता तक सुभासपा से इस्तीफा दे रहे हैं। शुक्रवार को भी मऊ में बड़ी संख्या में पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सुभासपा से नाता तोड़ लिया। इन लोगों ने नई पार्टी भी बनाने का एलान कर दिया है। ऐसे में निकाय चुनाव में दमखम दिखाने की तैयारी कर रहे ओपी राजभर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
ओपी राजभर को पहला झटका वाराणसी में लगा था। जब राष्ट्रीय प्रवक्ता शशि प्रताप सिंह ने पार्टी छोड़ दी और कुछ दिन बाद ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात करने के बाद छोटी पार्टियों के साथ नए गठबंधन का एलान भी किया। शशि प्रताप के बाद राजभर को बड़ा झटका महेंद्र राजभर ने दिया। पार्टी के उपाध्यक्ष और महेंद्र राजभर के साथ बड़ी संख्या में सुभासपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ दी। सोमवार को ही सुभासपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मास्टर राधेश्याम सिंह, कुशीनगर के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, जिला प्रभारी बृजेश सिंह, जिला सचिव संजय राजभर सहित कई वरिष्ठ पार्टी नेता शामिल रहे।
शुक्रवार को भी महेंद्र राजभर के समर्थन में सुभासपा के 50 पदाधिकारियों औऱ कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दिया है। महेंद्र राजभर के समर्थन में सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के नाम से नया दल बनाने का भी एलान किया गया। मऊ के एक प्लाजा में आयोजित समारोह के दौरान इस्तीफों की घोषणा की गई और नया दल बनाने का एलान किया गया है।