मां चिंता न कर, मैं खूब डॉलर कमाऊंगा… ये कहकर एक महीने पहले बिहार से मालदीव गए कैमूर के युवक की मंगलवार सुबह अचानक मौत हो गई। मृतक रविकांत तिवारी कैमूर जिले के रामगढ़ का रहना वाला था। उसने पांच दिन पहले ही मालदीव की एक कंपनी में नौकरी शुरू की थी। उसकी मौत की खबर जैसे ही परिजन को मिली, घर में कोहराम मच गया। अब तक रविकांत के परिजन उसकी पहली सैलरी का इंतजार कर रहे थे। मगर अब उसका शव भारत आएगा।
रविकांत के पिता जनार्दन तिवारी ने बताया कि सोमवार रात एक बजे उनके बेटे की तबीयत बिगड़ी। उसके साथियों ने उसे तत्काल मालदीव में कुरेंधु हेल्थ सेंटर पंहुचाया, जहां के मेडिकल आफिसर डॉ रामविश्वास शाह ने इलाज शुरू किया। मंगलवार अलसुबह 4.30 बजे उसकी हेल्थ सेंटर में ही मौत हो गई। परिजन ने बताया कि वहां से रविकांत का शव मालदीव की राजधानी माले लाया गया है। भारतीय दूतावास औपचारिकताएं पूरी कर शव को भारत भेजने की प्रक्रिया में जुटा है।
मां निढाल, पिता बेसुध
दूसरी ओर, रविकांत की मौत की खबर मिलने के बाद उसके रामगढ़ स्थित घर में मातम है। लोगों की आवाजाही शुरू है। घर में मां रो-रोकर निढ़ाल पड़ी है तो बाहर बैठका में पिता बेसुध हैं। उनकी आंखें सूनी हैं। भाई विलाप कर रहे हैं। परिजन के चित्कार से हर कलेजा चाक हो रहा है। ढांढ़स बंधाने वालों की आंखें डबडबा जा रही हैं। अखिलेश तिवारी, गुडाकेश तिवारी, चाचा शिशु तिवारी, भाई किशन तिवारी बस इतना ही कह पा रहे कि विधाता इतना दारुण दुख क्यों दे गया।
ग्रेजुएशन के बाद कमाने मालदीव गया था रविकांत
परिजन ने बताया कि मालदीव में पहले से रह रहे एक रिश्तेदार के माध्यम से रविकांत वहां कमाने गया। ग्रेजुएशन और आईटीआई करने के बाद से ही वह कुछ करना चाहता था। रविकांत के लिए परिवार की खुशी से बढ़कर कुछ भी नहीं था। उसके कुछ सपने थे। इसलिए वह अपने इरादों के पंख खोल विदेश चला गया। कौन जानता था मालदीव की धरती उसके लिए जानलेवा साबित होगी।