दिल्ली में एक दुकानदार की हत्या के बाद पुलिस इस मामले को सुलझाने का लगातार प्रयत्न कर रही थी। दरअसल इस दुकानदार को साउथ दिल्ली के जामिया नगर में स्थित अपनी दुकान और घर को पेंट कराना था। इसी संबंध में दो लोगों ने दुकानदार से संपर्क किया था। बाद में इन्हीं दोनों लोगों ने उनकी हत्या कर दी और उनका मोबाइल फोन चुरा लिया। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि फोन को ट्रैक करने के बाद वो 20 किलोमीटर दूर पहाड़गंज में 2 संदिग्धों तक पहुंच गई।
पुलिस ने जिन दो लोगों को पकड़ा है, उन्होंने जांच टीम को बताया कि उन्होंने पिछले हफ्ते देखा था कि दुकानदार के पेटीएम वॉलेट में 40,000 रुपये थे। जब वो ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर कर रहे थे तब उन्होंने उनके खाते का बैलेंस देखा था। इसके बाद उन लोगों ने दुकानदार को लूटने की योजना बनाई थी।
जूते का दुकान था
डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (साउथ-ईस्ट), ईशा पांडे ने बताया कि सोमवार की आधी रात को इस्लाम अहमद की मौत की रिपोर्ट मिली थी। उन्होंने बताया, ‘हमारी पुलिस टीम जामिय नगर में स्थित दुकान में पहुंची। यहां इस्लाम अहमद हमें मृत हालत में मिले और उनकी गर्दन पर धारदार हथियार से हमले के निशान थे। उन्हें ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया। यहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हमने इस मामले में हत्या का केस दर्ज किया और जांच शुरू कर दी। शाहीनबाग इलाके में अहमद की दुकान थी और वो जूते बेचते थे।’
फोन को सर्विलांस पर डाला
पुलिस ने बताया कि इस्लाम अहमद के बेटे ने जांचकर्ताओं को बताया कि उन्हें दो पेंटरों पर शक है कि वो उनके पिता की हत्या में शामिल हो सकते हैं। मृतक का मोबाइल फोन गायब था, इसलिए पुलिस ने सबसे पहेल उसे सर्विलांस पर डाल दिया।
पहाड़गंज पहुंची पुलिस
सर्विलांस के दौरान पुलिस को आरोपियों की लोकेशन पहाड़गंज में मिली थी। इसके आधार पर पुलिस ने पहाड़गंज के 180 होटलों और गेस्ट हाउस को खंगाला। आखिरकार पुलिस ने मृतक युवक के फोन के साथ उन दोनों को एक गेस्ट हाउस के पास से पकड़ लिया। इन दोनों को हिरासत में ले लिया गया है और आगे की जांच की जा रही है।
पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों 32 साल के मेहराज आलम और 21 साल के तौफिक कलाम ने खुलासा किया कि वो बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं। इन लोगों ने जांचकर्ताओं को बताया कि अहमद ने उन्हें पेंट का काम दिया था। दुकान को पेंट करते हुए उन्हें पता चला कि उसके बैंक में 40 हजार रुपये हैं। इसके बाद उन्होंने लूट की योजना बनाई। इसके बाद वो अहमद की हत्या कर उनका मोबाइल लेकर फरार हो गये।