करोलबाग इलाके में शुक्रवार देर रात 11वीं के छात्र ने एसयूवी कार से बाइक सवार दो युवकों को टक्कर मार दी। इनमें से एक की मौत हो गई जबकि दूसरे का उपचार राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चल रहा है। मृतक युवक स्विगी कंपनी में डिलीवरी ब्वॉय था। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर नाबालिग को पकड़ लिया है। उसे रविवार को जेजे बोर्ड के समक्ष पेश किया गया जहां से उसे परिजनों को सौंप दिया गया। आरोपी नाबालिग के पिता रियल एस्टेट कारोबारी हैं और वह फिलहाल जेल में बंद हैं।
जानकारी के अनुसार, यह हादसा शुक्रवार रात लगभग डेढ़ बजे करोलबाग थाने वाली सड़क पर हुआ। यहां एक एमजी हेक्टर गाड़ी ने बाइक सवार दो युवकों को टक्कर मार दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी पहचान राहुल कुमार और उसके रिश्तेदार पवन कुमार के रूप में हुई। उपचार के दौरान शनिवार को राहुल की मौत हो गई। इसके चलते एफआईआर में आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) को जोड़ा गया।
गाड़ी नंबर से पकड़ा
पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि हादसे के समय एक नाबालिग गाड़ी चला रहा था। उसके साथ एक विदेशी दोस्त भी बैठा हुआ था। पुलिस ने गाड़ी के नंबर से मालिक का पता लगाया और इसके बाद छात्र को पकड़ लिया। आरोपी छात्र की उम्र 16 वर्ष है। वह दिल्ली के एक नामी स्कूल में 11वीं कक्षा का छात्र है। वह अपने विदेशी दोस्त के साथ कनॉट प्लेस से खाना खाने के बाद देर रात घर लौट रहा था।
जेल में है पिता
नाबालिग का परिवार करोल बाग इलाके में रहता है। मई में दिल्ली पुलिस ने उसके पिता को 500 करोड़ रुपये के घोटाले में गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद है।
परिजनों ने बरगलाने का प्रयास किया
पुलिस टीम आरोपी के घर पहुंची तो उन्होंने टीम को बरगलाने का प्रयास किया। उन्होंने पुलिस को बताया कि हादसे के समय गाड़ी उनका बड़ा बेटा चला रहा था। लेकिन पुलिस ने जब छानबीन की तो उनका झूठ पकड़ में आ गया। डीसीपी श्वेता चौहान ने बताया कि फिलहाल नाबालिग को पकड़ा गया है। लेकिन नए मोटर व्हीकल एक्ट में ऐसे परिजनों के खिलाफ भी कार्रवाई का प्रावधान है जो नाबालिग को गाड़ी देते हैं। इस मामले में भी परिजनों के खिलाफ पुलिस एक्शन लेगी।