दरभंगा जिले के जीएम रोड स्थित स्वर्ण व्यवसायी संतोष लाठ से तीसरी बार 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गयी है। नहीं देने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी गयी है। पीड़ित व्यवसायी ने बताया कि गत आठ सितंबर को उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया। यह मैसेज दरभंगा मंडल कारा से लालबाबू सिंह ने भेजा है। इसमें उसने 50 लाख रुपये का ‘जेल टैक्स’ देने की बात कही है। नहीं देने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी है।
मैसेज में लिखा हुआ है ‘रे … पप्पू महतो मत समझना। 50 लाख तुम इस नंबर पर भेज दो। पुलिस को बोला तो घर के आदमी का मर्डर हो जाएगा।’ बदमाश का दुस्साहस इतना कि उसने मैसेज में एक मोबाइल पे एप का नंबर भी दिया है। इसी नंबर पर उसने रंगदारी की रकम भेजने को कहा है।
बता दें कि श्री लाठ से इससे पहले भी दरभंगा जेल से दो बार रंगदारी मांगी जा चुकी है। पहली बार रंगदारी गत 14 जून और दूसरी बार 22 जून को मोबाइल फोन पर मैसेज भेजकर रंगदारी मांगी गयी थी। तीनों बार मांगी गयी रकम 50 लाख की थी। व्यवसायी ने बताया कि इस घटना के बाद हम लोग बुरी तरह डरे हुए हैं। हमने पूर्व में भी पुलिस से सुरक्षा मांगी थी, जो अभी तक मुहैया नहीं करायी गयी है। कुछ असामाजिक तत्व अक्सर दुकान की रेकी करते हैं। इससे हम लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है।
एसएसपी से मिले चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी:
स्वर्ण व्यवसायी संतोष लाठ से 50 लाख की रंगदारी मांगने के मामले में शुक्रवार को डिवीजनल चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधिमंडल ने एसएसपी अवकाश कुमार से उनके कार्यालय में मिला। प्रतिनिधिमंडल ने उनसे कहा कि चैंबर के सम्मानित सदस्य संतोष लाठ को पुन: मोबाइल फोन पर मैसैज भेजकर 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई है। नहीं देने पर हत्या की धमकी दी गयी है।
चैंबर ने कहा कि यह धमकी उन्हें दो माह पूर्व भी मिली थी। इसकी जानकारी चैंबर ने पुलिस को उस समय भी दी थी। चैंबर ने कहा कि पहली बार ही धमकी मिलने पर यदि पुलिस ने सक्रियता दिखायी होती तो दोबारा इस तरह की नौबत नहीं आती। यह घटना पिछली धमकी को हल्के में लेने का नतीजा है। चैंबर ने एसएसपी से मांग की है कि मामले में त्वरित ठोस कार्रवाई हो। अपराधी को जल्द चिह्नित कर उसकी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जाए। पीड़ित व्यवसायी को पर्याप्त सुरक्षा मिले। अब अगर पुलिस की सक्रियता में कमी रहेगी तो सारा शहर बदमाशों का चारागाह बन जायेगा। प्रतिनिधिमंडल में चैंबर के पूर्व अध्यक्ष पवन कुमार सुरेका, प्रधान सचिव सुशील कुमार जैन व सचिव अभिषेक चौधरी भी थे।
इस मामले में मोबाइल नंबर के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है। छानबीन की जा रही है। पूर्व के मामले में गिरफ्तारी भी हुई थी। व्यवसायी को सुरक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है।