राजस्थान के दूसरे सबसे बड़े शहर जोधपुर में एक निजी अस्पताल की काली कमाई करने की करतूत सामने आई है। राज्य सरकार की भामाशाह योजना के अंतर्गत कैंसर मरीजों के इलाज में फर्जी तरीके से करोड़ों रुपये के गबन का खुलासा हुआ है। अस्पताल में भर्ती कैंसर मरीजों के नाम से दवाइयों का क्लेम उठाकर करोड़ों रुपये का गबन किए जाने का आरोप लगा है। इस बीच एक परिवादी ने अस्पताल के फर्जी क्लेम उठाने को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर में अस्पताल के डायरेक्टर व एक डॉक्टर के खिलाफ गबन का मामला दर्ज किया गया है।
दरसअल जोधपुर के पाल रोड स्थित निजी श्रीराम अस्पताल के दो डायरेक्टर व एक डॉक्टर के खिलाफ एक परिवादी ने देवनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। जोधपुर शहर के सरदारपुरा निवासी नंदलाल व्यास ने देवनगर थाने में निजी श्रीराम अस्पताल के दो डायरेक्टर व एक डॉक्टर पर राज्य सरकार की भामाशाह योजना में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये के गबन का आरोप लगाया गया है।
परिवादी नंदलाल व्यास ने बताया कि निजी श्रीराम अस्पताल के डायरेक्टर डॉ सुनील चांडक,उनकी पत्नी रेखा चांडक व कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर राजेश शर्मा अपने निजी अस्पताल में राज्य सरकार की भामाशाह योजना के तहत कैंसर मरीजों के लिए दवाइयों के फर्जी बिल से करोड़ों रुपये उठा रहे है। उन्होंने बताया कि अस्पताल स्थित मेडिकल स्टोर से कैंसर की जिन दवाइयों का बिल देकर क्लेम उठाया गया, उस मेडिकल स्टोर ने उन दवाइयों की खरीद ही नहीं की थी। लिहाजा कई मरीजों के इलाज के नाम पर फर्जी बिल बनाकर राज्य सरकार की योजना से करोड़ों रुपये का गबन किया गया है।
ऐसे किया योजना में फर्जीवाड़ा
परिवादी ने बताया कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत अधीकृत एमपेनल्ड श्रीराम अस्पताल में कैंसर विशेषज्ञ डॉ राजेश शर्मा व डॉ सुनील चांडक और उनकी पत्नी रेखा चांडक मरीजों के भामाशाह योजना का कार्ड का उपयोग कर राजस्थान स्टेट हेल्थ इंश्योरेंस एजेंसी के मार्फ़त ऑनलाइन दावा प्रस्तुत कर न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम की राशि प्राप्त करते थे। उन्होंने बताया कि वास्तव में अस्पताल ने कैंसर की दवाएं कभी मंगवाई ही नही थी। और ना ही कार्ड लाभार्थी को वह दवा इलाज के लिए दी थी। कैंसर की डासातिनिब नामक दवाई श्रीराम स्थित अस्पताल के मेडिकल स्टोर से कभी ख़रीदी ही नहीं गई। यानि फर्जी बिल बनाकर बीमा कंपनी से क्लेम उठाकर करोड़ों रुपये का गबन किया गया।
पुलिस ने शुरू की श्रीराम अस्पताल के खिलाफ जांच
परिवादी नंदलाल व्यास की रिपोर्ट और सबूत के आधार पर देवनगर थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने श्री राम अस्पताल के दो डायरेक्टर डॉ सुनील चांडक और उनकी पत्नी रेखा चांडक व डॉ राजेश शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर भामाशाह योजना में हुए गबन की जांच शुरू की है। हालांकि अस्पताल के डायरेक्टर डॉ सुनील चांडक ने इस गबन से अस्पताल प्रबंधन के शामिल होने से इनकार करते हुए डॉ राजेश शर्मा पर ही मामला डाल दिया है। लेकिन पुलिस परिवादी से मिले सबूतों के आधार पर जांच कर रही है।