आज बदलती जीवनशैली और खानपान की खराब आदतें कई गंभीर रोगों को जन्म दे रही हैं। ऐसे ही एक रोग का नाम है यूरिक एसिड। जी हां, आज यूरिक एसिड युवा हो या बुजुर्ग दोनों के लिए बहुत गंभीर समस्या बन चुका है, जिसकी वजह से गठिया, जोड़ों में दर्द और आर्थराइटिस जैसे समस्याओं से लोग पीड़ित हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है आखिर क्या है यूरिक एसिड, इसके लक्षण और बचाव के तरीके।
यूरिक एसिड क्या होता है?
यूरिक एसिड शरीर में पैदा होने वाला कचरा है। यह खाद्य पदार्थों के पाचन से उत्पन्न होता है और इसमें प्यूरिन होता है। जब शरीर में प्यूरिन टूटता है तो उससे यूरिक एसिड निकलता है। हमारे शरीर में किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर करती है और फिर पेशाब के जरिए उसे शरीर से बाहर निकाल देती है। जब कोई व्यक्ति अपने भोजन में अधिक मात्रा में प्यूरिक का सेवन करता है और उसका शरीर यूरिक एसिड को उतनी तेजी से शरीर से बाहर नहीं धकेल पाता है तो शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है। ऐसा होने पर उस व्यक्ति के खून में यूरिक एसिड प्रवाह होने लगता है, जो शरीर के कई अंगों तक फैल जाता है।
यूरिक एसिड का ज्यादातर हिस्सा किडनियों के जरिए फिल्टर हो जाता है जो टॉयलेट के जरिए शरीर से बाहर आ जाता है, लेकिन अगर यूरिक एसिड शरीर में ज्यादा बन रहा है या किडनी फिल्टर नहीं कर पाती तो खून में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है। बाद में यह हड्डियों के बीच में जमा हो जाता है और इससे गाउट की समस्या पैदा हो जाती है। यूरिक एसिड के बढ़ने से शरीर की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है जिससे दर्द महसूस होता है और ये दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।
यूरिक एसिड बढ़ने के मुख्य कारण-
-खान-पान और लाइफस्टाइल में बदलाव यूरिक एसिड बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है।
-ज्यादा वजन होने या मोटापे के कारण भी यूरिक एसिड की समस्या हो सकती है।
-तनाव के कराण भी शरीर में यूरिक एसिड इकट्ठा हो सकता है।
-रेड मीट, सी फूड, दाल, राजमा, मशरूम, गोभी, टमाटर, मटर, पनीर, भिंडी, अरबी और चावल खाने से भी यूरिक एसिड बढ़ता है।
-यदि किसी को किडनी की बीमारी है तो यूरिक एसिड बढ़ सकता है।
-डायबिटीज के मरीजों में भी यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या होती है।
-हाइपोथायरायडिज्म यानी थायरायड कम होने की वजह से भी यूरिक एसिड की समस्या हो सकती है।
यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण-
-एड़ियों, उंगलियों और घुटनों में दर्द इसके लक्षण हो सकते हैं।
-यूरिक एसिड के क्रिस्टल जोड़ों में जमा हो जाते हैं, जिससे जोड़ों में सूजन महसूस होती है। इसे गाउट कहा जाता है।
-यूरिक एसिड में पेशाब से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, किडनी में पथरी भी हो सकती है।
-यूरिक एसिड बढ़ जाने पर जोड़ों में असहनीय दर्द होता है और उठने-बैठने में परेशानी होती है।
-इसमें व्यक्ति ज्यादा जल्दी थकान भी महसूस करने लगता है।
-हाथ-पैर की उंगलियों में सूजन आ जाती है और भयंकर दर्द होता है।
यूरिक एसिड का इलाज –
-यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने पर इसको नियंत्रित करने के लिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
-रोजाना सुबद 2 से 3 अखरोट खाएं। ऐसा करने से बढ़ा हुआ यूरिक एसिड धीरे-धीरे कम होने लगेगा।
-हाई फायबर फूड जैसे ओटमील, दलिया, बींस, ब्राउन राईस (ब्राउन चावल) खाने से यूरिक एसिड की ज्यादातर मात्रा एब्जॉर्ब हो जाएगी और उसका लेवल कम हो जाएगा।
-अजवाईन का सेवन रोजाना करें। इससे भी यूरिक एसिड की मात्रा कम होगी।
-बाहर का खाना खाने के शौकीन हैं तो तुरंत बंद कर दें और खान में फल, सब्जियां और फायबूर फूड शामिल करें।
-राजमा, छोले, अरबी, चावल, मैदा रेड मीट जैसी चीजें ना खाएं।