इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के कारनामें दुनियाभर में चर्चित हैं। मोसाद को दुनिया की टॉप खुफिया एजेंसी में से एक माना जाता है। इसी बीच मोसाद के पूर्व प्रमुख ने एक ऐसा दावा कर दिया जिसके चलते बखेड़ा खड़ा हो सकता है। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में मोसाद ने ईरान और उसके परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ खूब ऑपरेशन चलाए। इतना ही नहीं उन्होंने परमाणु समझौतों पर भी हमला बोला।
‘ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अभियान चलाए’
दरअसल, मोसाद के पूर्व प्रमुख योस्सी कोहेन यहूदी कांग्रेस की 125 वीं सालगिरह पर स्विट्जरलैंड में आयोजित एक कार्यक्रम में अपना संबोधन दे रहे थे। टाइम्स ऑफ इजरायल की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसी दौरान उन्होंने यह सब बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि मोसाद ने उनके नेतृत्व में ईरान के महत्वकांक्षी परमाणु कार्यक्रम को असफल करने के लिए अनगिनत अभियान चलाए थे।
‘ईरान के सुप्रीम लीडर के गढ़ में काम किया’
उन्होंने यह भी कहा कि मोसाद को ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ लड़ाई में कई सफलताएं भी मिलीं। उन्होंने कहा कि अभियानों के क्रम में हमने दुनिया भर में और ईरान की धरती पर ही ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला के गढ़ में काम किया और तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने विश्व समुदाय के सामने प्रमुखता के साथ ईरान के कारनामों की फाइलों को भी दिखाया था।
‘परमाणु हथियार तक ईरान को पहुंचने नहीं देंगे’
कोहेन ने कहा कि वे दस्तावेज इस बात के प्रमाण थे कि ईरान ने कैसे अपने परमाणु कार्यक्रम के सैन्य आयामों के बारे में दुनिया से झूठ बोला था। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल वह सब करेगा जो भी किया जा सकता है करेगा ताकि समझौता होने पर भी ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि हम ऐसी सत्ता की उंगली परमाणु हथियार तक पहुंचने नहीं देंगे जो हमारे विनाश की बात करती है।
इजरायल को घेरना चाहता है ईरान!
इसके अलावा उन्होंने एक और दावा करते हुए ईरान पर आरोप भी लगाया कि ईरान दक्षिण में गाजा से लेकर उत्तर में लेबनान और सीरिया तक इजरायल को घेरना चाहता है। ईरान हिज़्बुल्लाह, हमास और इस्लामिक जिहाद जैसे आतंकवादी समूहों को धन, प्रशिक्षण और हथियार देता है, जिससे उन्हें इजरायल के लोगों पर हमले करने में मदद मिलती है।
असल में मोसाद के पूर्व प्रमुख की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विश्व शक्तियां ईरान के साथ 2015 के समझौते को पुनर्जीवित करने के रोडमैप पर बातचीत कर रही हैं। यह समझौता ईरान के खिलाफ तेजी से आगे बढ़ने वाले परमाणु कार्यक्रम को प्रतिबंधित करने के बदले प्रतिबंधों को हटा देगा। वहीं इन टिप्पणियों पर अभी ईरान की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।