रोहिणी साउथ पुलिस ने नवजात शिशुओं की खरीद-फरोख्त में शामिल गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने सोमवार को गिरोह के सरगना डॉक्टर समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें नवजात बच्ची की मां भी शामिल है।
पर्जी खरीदार बन किया गिरफ्तार
रोहिणी साउथ के एसआई नीरज कुमार को सूचना मिली थी कि एक डॉक्टर नवजात बच्चों को बेचता है। वह दो महिला साथियों के साथ रोहिणी सेक्टर-3 में आने वाला है। जब डॉक्टर अपने साथियों के साथ पहुंचा तो हेडकांस्टेबल प्रदीप को खरीदार बनाकर भेजा गया। पेशगी के तौर रकम लेने पर एसआई नीरज की टीम ने छापा मारा तो एक डॉक्टर और तीन महिलाओं को दबोच लिया। इसमें एक महिला के पास एक माह की नवजात बच्ची भी मिली। पुलिस ने सरगना की पहचान डाक्टर संजय मलिक के तौर पर की। वह बीएएमएस है और आदर्श नगर में ग्लोबस अस्पताल संचालित करता है।
गर्भपात कराने आई थी युवती
22 वर्षीय रुखसाना भलस्वा इलाके में लिव इन पार्टनर के साथ रहती थी। जब वह गर्भवती हो गई तो पुरुष मित्र उसे छोड़कर फरार हो गया। सात माह का गर्भ लेकर वह संजय ग्लोबस अस्पताल में गर्भपात कराने के लिए गई। डीसीपी प्रणव तयाल ने बताया कि संजय मलिक ने उसे सलाह दी कि गर्भपात से उसकी जान को खतरा हो सकता है। उसने बच्चे को जन्म देने के बाद बेचने की बात कही। फिर 27 जुलाई को रुखसाना ने बच्ची को जन्म दिया तो डाक्टर ने उसे अपने साथ रख लिया। फिलहाल इस बच्ची को दो लाख रुपये में बेचने का सौदा हुआ था।
अब तक छह बच्चों को बेच चुके हैं
अभी तक की जांच में सामने आया है कि यह गिरोह छह नवजात शिशुओं को बेच चुका है। गिरफ्तार आरोपियों में से एक मधु दक्षिण दिल्ली में स्थित होली फैमिली अस्पताल में नर्स थी। लेकिन बाद में काम छोड़ दिया और डाक्टर संजय के साथ जुड़ गई। पड़ोस में रहने वाली सीमा भी मधु के साथ मिल गई। यह गिरोह पैथ लैब, अल्ट्रा साउंड सेंटर और अस्पतालों से बच्चा बेचने के इच्छुक माता पिता को ढूंढ़ता था। इसके बाद डाक्टर संजय मलिक जन्म से जुड़े जरूरी दस्तावेज बनाता था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि डॉक्टर के अस्पताल में मौजूद कम्प्यूटर और अन्य जरूरी कागजात को जब्त कर लिया गया है। इसकी भी जांच की जा रही है कि डॉक्टर ने किन लोगों को बच्चा बेचा है।