कुपोषण के लिए कुख्यात मध्य प्रदेश के सतना जिले के तराई के गांव के आदिवासी बाहुल्य गांव में अज्ञात बीमारी फैलने से आधा दर्जन लोगों की मौत हो गई है । जिसमें नवजात और बुजुर्ग शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, ग्राम पंचायत मझगवां में अज्ञात बीमारी के चलते नवजात सहित पांच लोगों की मौत हो गई। आनन-फानन में जिला स्वास्थ्य अधिकारी एवं ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर अपनी टीम लेकर पहुंच गए। बताया गया है कि टीम ने गांव के बच्चों और बुजुर्गों की जांच की। इस दौरान जो पीड़ित मिले उन्हें नजदीकी अस्पताल भेज दिया गया।
ग्राम पंचायत मझगवां के आदिवासी बाहुल्य गांव भट्टन टोला में अज्ञात बीमारी से मौत का सिलसिला शुरू हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब 12 दिनों से ऐसा चल रहा है। तीन दिन के नवजात की मौत के बाद हड़कंप मच गया है। आनन-फानन में पहुंची मेडिकल टीम ने भट्टन टोला में सुबह से जांच करना शुरू कर दिया था। इस बीच कुछ बच्चे और बुजुर्ग पीड़ित मिले। इस पर उन्हे पहले मझगवां के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेजा गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि उल्टी-दस्त के बाद ही मौत हो हुई है लेकिन मेडिकल ऑफिसर अन्य कारणों से मौत बता रहे हैं। ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. तरुण कांत त्रिपाठी ने बताया कि अस्सी साल के बुजुर्ग और एक तीन के नवजात की मौत की खबर लगी थी। बुजुर्ग की मौत का कारण उम्र भी हो सकती है और नवजात की मौत का कारण पानी नहीं हो सकता है। इस एज में बच्चों को पानी नहीं दिया जाता।
11 अगस्त से शुरू हुआ मौत का सिलसिला
ग्राम पंचायत मझगवां के भट्टन टोला मवासी बस्ती में मौत का सिलसिला 10 साल की बच्ची से शुरू हुआ था। ग्रामीणों की मानें तो सोनहला मवासी पिता रामाधीन उम्र 10 वर्ष की 11 अगस्त, छोटीबाई मवासी पिता बाबू उम्र 10वर्ष की 17 अगस्त, रामगोपाल मवासी पिता दादूलाल उम्र 52 वर्ष की 21 अगस्त और नवजात शिशु पिता शिवाकांत मवासी की 22 अगस्त और जवाहर मवासी उम्र 75 वर्ष की 22 अगस्त को मौत हो गई।
इनके अलावा संध्या मवासी पिता शिवाकांत उम्र 3 वर्ष को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने अशोक कुमार अवधिया ने लाइव हिंदुस्तान को बताया कि मेडिकल कैंप लगाया गया। जिसमें दो डायरिया के मरीज मिले हैं उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
एक बच्चा कुपोषित था। अब तक जो मौतें हुई हैं अलग-अलग कारणों से हुई हैं। जब तक नॉर्मल नहीं हो जाता तब तक मेडिकल कैंप लगाया जाएगा।
एक कुआं से पेयजल की आपूर्ति
मझगवां रेलवे स्टेशन के पूर्वी छोर में बसे इस गांव में पेयजल का साधन एक मात्र कुआं बताया गया है। इसी से आम निस्तारण और पेयजल की आपूर्ति इस बस्ती में होती है। मेडिकल टीम ने पानी की भी सैंपलिंग की है। सीएमएचओ ने कहा कि कुएं के पानी में ब्लिचिंग पाऊडर डाल दिया गया है।