राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से मुलाकात की है। मुलाकात को शिष्टाचार बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि सीएम गहलोत ने कांग्रेस आलाकमान से अभी पद नहीं छोड़ने का आग्रह किया है। इसके बाद सीएम गहलोत अहमदाबाद पहुंच गए है। सीएम गहलोत संग केसी वेणुगोपाल भी अहमदाबाद गए है। दोनों नेता गुजरात चुनावों को लेकर रणनीति बनाएंगे। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस आलाकमान ने सीएम अशोक गहलोत को गुजराज का वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। सीएम गहलोत ने एक सप्ताह पहले ही गुजरात का दौरा किया था। अहमदाबाद में प्रेस वार्ता कर गुजरात माडल को खोखला बताया था।
चुनावी रणनीति पर होगा मंथन
सीएम अशोक गहलोत संग संगठन महामंत्री वेणुगोपाल का अहमदाबाद जाने का मतलब यह निकाला जा रहा है कि दोनों नेता टिकट फाइनल करने पर मंथन कर सकते हैं। गुजरात में आम आदमी पार्टी ने अपनी हाल ही में एक सूची जारी की थी। कांग्रेस भी सूची जारी कर भाजपा पर दबाव बनाना चाहती है। कांग्रेस गुजरात में ड्रग्स मिलने के मामले को मुद्दा बना रही है। गुजरात कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा ने ट्टीट कर कहा- ड्रग्स को हराना है, गुजरात को जीताना है। हमारी आने वाली पीढ़ियों के ड्रग्स से बचाना है। आप सब से मेरी अपील है कि गुजरात कांग्रेस द्वारा शुरू की गई मुहिम ‘Reject Drugs Reject BJP’ का हिस्से बने। आज दोपहर 3 बजे से शाम 4:30 बजे तक अहमदाबाद में बैठक होगी। जिसमें पर्यवेक्षक लगाए गए राजस्थान के मंत्री और विधायक भी शामिल होंगे। राजस्थान से 13 मंत्री और 10 विधायकों को गुजरात विधानसभा चुनाव में पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी हुई है। पर्यवेक्षक बनने के बाद राजस्थान के मंत्री-विधायकों का यह पहला गुजरात दौरा है।
गहलोत ने 2017 में बनाई थी रणनीति
उल्लेखनीय है कि भाजपा 1995 से लगातार गुजरात में चुनाव जीतती आ रही है। भाजपा का 2017 के चुनाव में सबसे कमजोर प्रदर्शन था। सीएम गहलोत 2017 में गुजरात के प्रदेश प्रभारी थे। यह माना जाता है कि 2017 के विधानसभा चुनाव के आखिरी दौर में अगर पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार की कमान नहीं संभाली होती तो शायद भाजपा की सरकार नहीं बन पाती।कांग्रेस आलाकमान ने भाजपा के अभेद्य गढ़ गुजरात में सीएम गहलोत को फ्री हैंड दिया टिकट वितरण से लेकर प्रचार करने की रणनीति सीएम गहलोत अपनी टीम के साथ मिलकर बनाएंगे। पार्टी आलाकमान को भरोसा है कि यह काम सिर्फ राजस्थान से सीएम अशोक गहलोत ही कर सकते हैं। सीएम गहलोत ने 2017 में गुजरात प्रभारी रहते हुए चुनावी चौसर पर अपनी राजनीतिक चालों से भाजपा को 100 सीटों से कम पर लाकर पटक दिया था। कांग्रेस को जीत के मुहाने पर ले गए थे। हालांकि अंतिम समय में सूरत जिले से बाजी पलट गई और कांग्रेस को वनवास से मुक्ति नहीं मिल पाई। सूरत में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था।